राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड योग्य सहायक अध्यापकों के लिए सीटेट (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) 2026 में आवेदन करना बड़ी समस्या बन गया है।
छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने के बावजूद आनलाइन आवेदन में उनका विकल्प न होने से वे फार्म नहीं भर पा रहे हैं। इस स्थिति को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) लखनऊ से मार्गदर्शन मांगा है, ताकि आगे किसी तरह की कानूनी या तकनीकी अड़चन न आए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत कार्यरत सहायक अध्यापकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति से जुड़ा विषय सामने आया है।
परिषद के निर्देश पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के पूर्णांक व प्राप्तांक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे, ताकि शिक्षक सीटेट में आवेदन कर सकें।
हालांकि, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा जारी सीटेट फरवरी 2026 की सूचना पुस्तिका में पात्रता का निर्धारण राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 के अनुसार किया गया है।
इसके तहत प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांचवीं) के लिए वही चार शैक्षिक योग्यताएं आनलाइन आवेदन में दिखाई देती हैं, जिनमें छह माह के विशेष प्रशिक्षण (विशिष्ट बीटीसी) का कोई उल्लेख नहीं है।
प्रदेश में कई सहायक अध्यापक ऐसे हैं जिनकी मूल शैक्षिक योग्यता बीएड है। नियुक्ति के समय एनसीटीई के प्रविधानों के तहत इन्हें छह माह का मान्यता प्राप्त विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण कराया गया था और प्रमाण पत्र भी जारी किए गए थे, लेकिन सीटेट 2026 के प्रश्नपत्र एक (कक्षा एक से पांच) के आनलाइन आवेदन फार्म में इस छह माह के प्रशिक्षण का कोई कालम या विकल्प न होने से ये शिक्षक आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
पूर्णांक–प्राप्तांक देना कानूनी रूप से संदिग्ध
सेवारत शिक्षक विशिष्ट बीटीसी के आधार पर पूर्णांक और प्राप्तांक की मांग कर रहे हैं, लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी का कहना है कि यह प्रक्रिया सीबीएसई और एनसीटीई के मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं है।
साथ ही, राज्य सरकार की ओर से अब तक ऐसा कोई स्पष्ट निर्देश भी जारी नहीं किया गया है, जिससे बीएड और छह माह विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त सेवारत शिक्षकों को प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल कराया जा सके।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने एससीईआरटी से स्पष्ट मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया है। उद्देश्य यह है कि आगे चलकर किसी प्रकार की विसंगति, विवाद या विधिक कार्यवाही की स्थिति उत्पन्न न हो और शिक्षकों के हित में स्पष्ट समाधान निकल सके।
परिषद ने भेजा था पत्र
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट/सीटेट) उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से जुड़े आदेश के क्रम में यह स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है। यह प्रशिक्षण आरटीई अधिनियम लागू होने से पहले कराया गया था।
इस संबंध में एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को पत्र भेजकर विशिष्ट बीटीसी के शिक्षकों के पूर्णांक और अंकपत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके जवाब में परीक्षा नियामक ने अब मार्गदर्शन मांगा है। |