अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप। (रॉयटर्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप 2026 में इमिग्रेशन संबंधी सख्ती को और आक्रामक बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें कार्यस्थलों पर छापे मारना भी शामिल है। रोजगार स्थलों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना से और अधिक गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनावों से पहले इसे लेकर राजनीतिक विरोध बढ़ता जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आक्रामक इमिग्रेशन नीतियों से वहां रहने वाले भारतीय और अन्य की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। इसके लिए आइसीई और बार्डर पेट्रोल को सितंबर 2029 तक 170 अरब डॉलर की अतिरिक्त धनराशि मिलनी है। कांग्रेस द्वारा जुलाई में एक विशाल पैकेज पारित करने के बाद उनके मौजूदा वार्षिक बजट में यह बहुत बड़ी वृद्धि है।
ट्रंप पहले ही अमेरिका के प्रमुख शहरों में इमिग्रेशन एजेंटों की तैनाती बढ़ा चुके हैं। इन एजेंटों ने आसपास छापेमारी की और निवासियों के साथ उनकी झड़पें भी हुईं। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वे हजारों और एजेंटों की भर्ती करने, नए निरोध केंद्र खोलने, स्थानीय जेलों से अधिक अप्रवासियों को निकालने और कानूनी दर्जे के बिना लोगों का पता लगाने के लिए बाहरी कंपनियों के साथ साझेदारी करने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप की समग्र अनुमोदन रेटिंग में गिरावट
उदारवादी रिपब्लिकन राजनीतिक रणनीतिकार माइक मैड्रिड ने कहा, “लोग अब इसे इमिग्रेशन का मुद्दा कम और अधिकारों का उल्लंघन, उचित कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन और गैर-संवैधानिक रूप से मोहल्लों का सैन्यीकरण अधिक समझने लगे हैं।\“\“
इमिग्रेशन नीति पर ट्रंप की समग्र अनुमोदन रेटिंग मार्च में 50 प्रतिशत थी, जब उन्होंने अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन दिसंबर के मध्य तक यह गिरकर 41 प्रतिशत हो गई, जबकि यही उनका सबसे मजबूत मुद्दा था। जनता में बढ़ती बेचैनी का केंद्र बिंदु संघीय एजेंटों द्वारा आक्रामक हथकंडे अपनाना है, जैसे कि रिहायशी इलाकों में आंसू गैस छोड़ना और अमेरिकी नागरिकों को हिरासत में लेना।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ) |