बारहसिंगा के संरक्षण के लिए बिजनौर और मुजफ्फरनगर में बनेगा नया ईको सेंसेटिव जोन

cy520520 2025-10-9 08:35:51 views 1287
  





बारहसिंगा के संरक्षण के लिए बिजनौर और मुजफ्फरनगर में बनेगा नया ईको सेंसेटिव जोन  

- ईको सेंसेटिव जोन में खनन पर पूरी तरह रहेगी रोक, अनुमति से होंगे निर्माण कार्य

जासं, बिजनौर : राज्य वन्यजीव बारहसिंगा के संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया जा रहा है। बिजनौर और मुजफ्फरनगर जिले में नया ईको सेंसेटिव जोन (पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र) बनाया जा रहा है। जिले में राज्य वन्यजीव बारहसिंगा अभयारण्य पहले से ही ईको सेंसेटिव जोन है। इससे अलग अब नया ईको सेंसेटिव जोन बनाया जा रहा है। ईको सेंसेटिव जोन में खनन पर पूरी तरह रोक रहेगी और बड़े प्रोजेक्ट पर अनुमति के बाद काम होगा। हालांकि किसानों के रहने से लेकर खेती करने में कोई व्यवधान नहीं होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



बारहसिंगा उत्तर प्रदेश का राज्य वन्यजीव है। यह नदियों के किनारे रहते हैं और जिले में नदियों की भरमार है। बरसात शुरू होते ही जिले में गंगा नदी के किनारे बारहसिंगा के बड़े झुंड आ जाते हैं। बारहसिंगा को संरक्षित करने के लिए पहले ही गंगा के आसपास का क्षेत्र राज्य वन्यजीव बारहसिंगा अभयारण्य के अंतर्गत ईको सेंसेटिव जोन घोषित है। यहां पर खनन, कालोनी काटने पर रोक रहती है। विकास से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट पर अनुमति के बाद कार्य होता है। कुछ समय पहले अभयारण्य के क्षेत्र को कम किया गया है। माना गया था कि अभयारण्य का क्षेत्र अव्यावहारिक है और इसके कारण विकास कार्य बाधित होते हैं। हालांकि काफी ऐसा क्षेत्र भी था जो अभयारण्य में शामिल नहीं था लेकिन फिर भी यहां पर बारहसिंगा का बहुत मूवमेंट रहता है। नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ ने इस संबंध में डल्यूआइआइ से रिपोर्ट मांगी थी। डब्ल्यूआइआइ की रिपोर्ट में बिजनौर में 91 वर्ग किलोमीटर और मुजफ्फरनगर में 96 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र बारहसिंगा के लिए संवेदनशील माना गया है। बिजनौर में यह क्षेत्र गंगा व कोटावाली नदी के किनारे है। यह तीन वन रेंज नजीबाबाद, बिजनौर व राजगढ़ के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है। नेशनल बोर्ड आफ वाइल्ड लाइफ ने अब इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। नया ईको सेंसेटिव जोन सिकोहाबाद से शुरू होकर सबलगढ़ गांव तक रहेगा।



ये गांव हैं बिजनौर के : शिवपुरी, मंसूरपुर, रामपुर रायघाटी, जसपुर रंजीतपुर, चंदपुरी खुर्द, डल्लावाला खुर्द, सिंकदरपुर, सालारपुर, मंडावर, केवलनपुर, सुक्खापुर, रामसहायवाला, गौंसपुर, दयालवाला, फतेहपुर सभाचंद, जहांगीरपुर, आनंदीपुर, शेखपुरा, कोट सराय, शहबाजपुर, सराय आलम, सेवारामपुर, खीरनी, नवाबपुर, केशोपुर, ध्यानपुर, लालपुर, हिमांयुपुर, सुल्तानपुर खादर आदि कई गांव नए इको सेंसेटिव जोन में शामिल किए गए हैं।



मुजफ्फरनगर के शामिल हुए गांव : ईको सेंसेटिव जोन में मुजफ्फरनगर के तुगलकपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, झाबरपुर, लुकाधारी, कालावाला घाट, खेड़की, दादुपुर सहेली, बैकुंठपुर, नसुरूल्लापुर, नैनूपुर, नूरनगर, उदयवाला, हुसैनपुर, बसेड़ा, बैंसालीवाला, गोधना, जमालपुर, शेरपुर, मारकपुर, नारू मजरा, माहपुर, याहीपुर आदि गांव शामिल किए गए हैं।



ऐसा होता है बारहसिंगा

बारहसिंगा दलदली क्षेत्र में रहना पसंद करता है। उसके पैरों के खुद बहुत मुलायम होते हैं जिनके लिए दलदली या नदी की रेती वाला क्षेत्र मुफीद होता है। ये अक्सर वेटलैंड क्षेत्र के पास मिलते हैं और उनमें उगने वाली खरपतवार ही खाते हैं।





इन्होंने कहा...  

बिजनौर और मुजफ्फरनगर क्षेत्र में गंगा किनारे ईको के काफी क्षेत्र को ईको सेंसेटिव जोन घोषित होगा। राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। इससे बारसिंगा के संरक्षण को बल मिलेगा। किसानों व आम जनता को कोई परेशानी नहीं आएगी।

ज्ञान सिंह, सहायक वन संरक्षक
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