टाटा स्टील लिमिटेड को 2,410.89 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस मिला है।
नई दिल्ली। मार्केट कैप के लिहाज से टाटा ग्रुप की चौथी (Tata Group Fourth Largest Company) बड़ी कंपनी को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, टाटा स्टील लिमिटेड को 2,410.89 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस (Demand Notice) मिला है। कंपनी ने शनिवार, 4 अक्टूबर को बताया कि उसे जाजपुर स्थित खान उप निदेशक कार्यालय से यह आदेश मिला है। यह नोटिस कंपनी के सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक से पाँचवें ऑपरेशनल ईयर, 23 जुलाई, 2024 से 22 जुलाई, 2025 तक, क्रोम अयस्क डिस्पैच में कथित कमी के कारण मिला है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह डिमांड, मिनरल (परमाणु एवं हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों के अलावा) रियायत नियम, 2016 के रूल 12A के तहत है। अधिकारियों का आरोप है कि कंपनी ने खान विकास एवं उत्पादन समझौते (एमडीपीए) के तहत अपने डिस्पैच से संबंधित दायित्वों को पूरा नहीं किया।
डिमांड नोटिस पर टाटा स्टील ने क्या कहा?
टाटा स्टील ने एक्सचेंज को दी फाइलिंग में कहा, कंपनी का मानना है कि राज्य सरकार द्वारा उठाई गई मांग में “कोई लॉजिक या ठोस आधार नहीं है“ और उसके पास इस मामले को कानूनी और गुण-दोष, दोनों ही आधारों पर चुनौती देने के लिए ठोस आधार हैं इसलिए कंपनी ने कहा कि वह संबंधित न्यायिक या अर्ध-न्यायिक मंचों के सामने उचित कानूनी कदम उठाने की योजना बना रही है।
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इससे पहले टाटा स्टील ने राज्य द्वारा चौथे वर्ष के लिए की गई इसी तरह की मांग को पहले ही ओडिशा हाईकोर्ट में दायर एक रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। कोर्ट ने 14 अगस्त, 2025 के अपने आदेश द्वारा सरकारी अधिकारियों पर बलपूर्वक कार्रवाई करने पर अंतरिम रोक लगा दी। टाटा स्टील ने कहा कि वह इस मामले में अपने कानूनी और व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाती रहेगी।
टाटा ग्रुप की चौथी बड़ी कंपनी
बता दें कि टाटा स्टील मार्केट कैप के लिहाज से टाटा समूह की चौथी बड़ी कंपनी है। टाटा स्टील का बाजार पूंजीकरण 2 लाख करोड़ से ज्यादा है। 3 अक्तूबर, शुक्रवार को कंपनी के शेयर 4 फीसदी तक चढ़ गए थे और 173 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। |