रामगोपाल मिश्र हत्याकांड, 85 दिनों में ही उजड़ गया सुहाग
जागरण संवाददाता, बहराइच: जिले के महराजगंज बाजार में रामगोपाल मिश्र हत्याकांड में गुरुवार की शाम सजा सुना दी गई है। हयाकांड के मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई गई, जबकि नौ अन्य दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। फैसले की खबर न्यायालय से बाहर आते ही अफरा-तफरी का माहौल हे। कोई अराजकता न फैले, इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हरदी इलाके के महाराजगंज बाजार में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा मूर्ति विसर्जन के समय रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी और कई दुकानों व घरों में आग लगा दी गई थी। हरदी पुलिस ने उसी दिन हत्या के आरोप में 13 लोगों के खिलाफ धारा 103/2 के तहत मामला दर्ज किया था। 13 अक्टूबर, 2024 को हुई हिंसा और रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या के मामले में गुरुवार को न्यायालय ने दो दिन पहले दोषी करार दिए गए सरफराज को फांसी और अन्य नौ दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। दो समुदायों से जुड़े इस मामले में मूर्ति विसर्जन के जुलूस के दौरान विरोध पर हिंसा भड़की थी, जिसमें रामगोपाल मिश्र को दूसरे समुदाय ने घर में खींच कर मार डाला था। इनमें अब्दुल हमीद, उनके बेटे फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद खान, जिशान, ननकऊ, शोएब, मारुफ अली, खुर्शीद, अफजल और शकील शामिल थे। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
बीती 9 दिसंबर को दस आरोपियों को दोषी ठहराया गया। वहीं, तीन अन्य आरोपी खुर्शीद, शकील और अफजल को दोषमुक्त कर दिया गया था। गुरुवार की शाम प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा द्वितीय ने फैसला सुनाया। मुख्य दोषी सरफराज को फांसी व अन्य नौ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगा है। |