Sant Premanand: संत प्रेमानंद के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दंडवती करता आ रहा करन।
जासं, मैनपुरी। किसी अपने की सलामती के लिए की गई प्रार्थना जब संकल्प बन जाए, तो आस्था राह बना लेती है। संत प्रेमानंद के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना लिए करन ने ऐसी ही आस्था के साथ दंडवत यात्रा का कठिन संकल्प लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
119 दिन पहले लखनऊ से शुरू हुई यह यात्रा आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। मैनपुरी पहुंची दंडवत यात्रा के दौरान करन ने बताया कि प्रेमानंद के अस्वस्थ होने की खबर ने उसे भीतर तक झकझोर दिया।
तभी उसने मन ही मन यह प्रण लिया कि जब तक मंजिल तक नहीं पहुंचेगा, हर कदम दंडवत करते हुए ही आगे बढ़ेगा। चिलचिलाती धूप, बारिश और अब ठिठुरती सर्दी, थकान कुछ भी उसके इरादे को डिगा नहीं सका।
कई बार शरीर जवाब देने लगा, हाथ-पैर छिल गए, लेकिन मन में बस एक ही प्रार्थना रही प्रेमानंद स्वस्थ हो जाएं। यात्रा के दौरान रास्ते में मिलने वाले लोग करन की दृढ़ इच्छाशक्ति को देखकर भावुक हो उठते हैं।
कहीं ग्रामीण उसे पानी पिलाते हैं, कहीं फल-भोजन देकर आशीर्वाद देते हैं। कई स्थानों पर श्रद्धालु उसके साथ कुछ दूरी तक दंडवत कर सहभागी भी बने। करन कहता है कि लोगों का यह स्नेह ही उसकी ताकत है।
वह मानता है कि यह यात्रा सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि मानवता, प्रेम और विश्वास के लिए है। |