एक कमरे में उच्च माध्यमिक विद्यालय, भवन खतरनाक। फोटो जागरण
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। अनुमंडल क्षेत्र के भद्रघाट स्थित सरकारी प्रेस से सटे वर्ष 1958 में स्थापित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुलजारबाग में नौवीं, दसवीं के विभिन्न सेक्शन तथा ग्यारहवीं एवं बारहवीं कक्षा के विज्ञान, वाणिज्य, कला संकाय में 394 छात्र नामांकित हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इनके पठन-पाठन के लिए विद्यालय का भवन असुरक्षित है। एक बड़े परिसर वाले विद्यालय में पठन-पाठन की व्यवस्था भी बदहाल है। इस कारण विद्यार्थियों की उपस्थिति तेजी से घटते हुए अधिकतम 25 तक रह गयी है। नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 394 है। चेतना सत्र में बमुश्किल दजर्नभर छात्र ही एकत्र हो पाते हैं।
यहां उच्च विद्यालय के लिए छह और माध्यमिक के लिए सात शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें महिला शिक्षकों की संख्या छह है। सुबह से लेकर शाम तक सभी शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रह कर विद्यार्थियों के आने का इंतजार करते हैं।
प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार ने बताया कि छात्र को विद्यालय भेजने के लिए अभिभावकों को फोन किया जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय का मुख्य भवन खतरनाक है।
आए दिन छत से टुकड़ा टूट कर गिरता है। कई बार शिक्षक व विद्यार्थी जख्मी होने से बचे हैं। विद्यालय के नवनिर्मित दो कमरों में से एक में सभी कक्षाएं चलती हैं। खतरनाक भवन में सुरक्षा और बदहाल व्यवस्था के बीच बेहतर शिक्षा सुनिश्चित नहीं हो पाने के कारण छात्र को विद्यालय भेजने से अभिभावक मना करते हैं।
उपस्कर का भी टोटा है। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि कक्षा नौवीं में 113, दसवीं में 127, कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के ग्यारहवीं 62 और बारहवीं में 92 छात्र नामांकित हैं।
प्रयोगशाला पर ताला, कंप्यूटर कक्ष में कंप्यूटर नहीं
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुलजारबाग के छात्रों ने बताया कि प्रयोगशाला और कुछ सामग्री भी है लेकिन भवन खतरनाक होने के कारण सुरक्षा को लेकर कक्ष में ताला लगा रहता है। यहां कंप्यूटर शिक्षा बेमानी है।
कंप्यूटर शिक्षक और कमरा है लेकिन कंप्यूटर नहीं। विद्यालय परिसर में असामाजिक तत्व सक्रिय हैं। कई बार चोरी हो चुकी है। चोर के डर से प्रयोगशाला और स्मार्ट क्लास के लिए खरीद हुई सामग्रियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षकों की चिंता बढ़ी हुई है। इन सामग्रियों को एक कमरे में बंद रखा गया है दूसरे में सभी कक्षाएं एक साथ चलती हैं। |