घर के अंदर का प्रदूषण कम करने के आसान उपाय (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में दबदील हो चुका है। धुंध की मोटी चादर में घिरी राजधानी में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। आंखों में जलन, गले में खराश, सांस फुलना, सिर दर्द जैसी समस्याएं आम दिन सुनने को मिलती हैं। AQI 500 पार कर चुका है, जो एक हेल्थ इमरजेंसी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में सिर्फ बाहर की नहीं, बल्कि घर के अंदर की हवा भी प्रदूषित है (Indoor Air Pollution)। इसलिए घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखना काफी जरूरी है। कुछ बातों का ध्यान रखकर आप घर के अंदर का प्रदूषण कम कर सकते हैं। आइए जानें घर के अंदर प्रदूषण कम करने के लिए क्या कर सकते हैं।
एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल
- हाई AQI के दिनों में एयर प्यूरीफायर एक कारगर उपाय है। HEPA फिल्टर वाले प्यूरीफायर 99.97% तक धूल, धुएं के कण, पोलन और अन्य हानिकारक तत्वों को छानने में कारगर होते हैं।
- कमरे के आकार के अनुसार सही क्षमता का प्यूरीफायर चुनें और नियमित रूप से इसकी फिल्टर सफाई या बदलाव करते रहें।
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प्राकृतिक एयर प्योरिफिकेशन के तरीके
- पौधों का सहारा- एलोवेरा, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट जैसे घरेलू पौधे हवा से फॉर्मल्डिहाइड, बेंजीन जैसे टॉक्सिन्स को सोखते हैं।
- नेचुरल वेंटिलेशन- प्रदूषण कम होने के समय (आमतौर पर दोपहर के बाद) खिड़कियां खोलकर ताजी हवा आने दें, लेकिन ध्यान रखें कि यह समय AQI के स्तर के अनुसार तय करें।
घर की सफाई और रखरखाव
- गीले पोंछे का इस्तेमाल- सूखे झाड़ की बजाय गीले कपड़े से फर्नीचर और फर्श साफ करें ताकि धूल उड़कर हवा में ना मिले।
- कार्पेट और पर्दों की सफाई- इनमें धूल के कण जमा होते रहते हैं, इसलिए नियमित वैक्यूम क्लीनर से सफाई करें।
- धूम्रपान से परहेज- घर के अंदर किसी भी हालत में धूम्रपान न करें। कोशिश करें कि धूम्रपान करें ही न।
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रसोई और बाथरूम का ध्यान
- किचन में एक्सहॉस्ट फैन या चिमनी का इस्तेमाल जरूर करें ताकि खाना बनाते समय निकलने वाला धुआं घर के अंदर न फैले।
- बाथरूम में नमी न रहने दें, ताकि फफूंद न लगे।
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घरेलू उपाय और आदतें
- अगरबत्ती/मोमबत्ती के धुएं से बचें- इनसे घर के अंदर PM 2.5 का स्तर बढ़ सकता है।
- पालतू जानवरों की सफाई- उनके बाल और डैंड्रफ हवा में मिलकर प्रदूषण बढ़ा सकते हैं।
दरवाजे-खिड़कियों की सीलिंग
- खिड़कियों और दरवाजों के किनारों पर गैप सीलेंट लगाएं ताकि बाहरी प्रदूषित हवा अंदर न आ सके। हवादार पर्दों का इस्तेमाल करें जो धूल को रोक सकें।
ह्यूमिडिटी कंट्रोल करें
- घर के अंदर की ह्यूमिडिटी 30-50% के बीच रखने की कोशिश करें। बहुत ज्यादा नमी से फफूंद और बहुत कम नमी से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। |