अफगानिस्तान ने कुनार नदी का पानी मोड़ने का फैसला किया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान का पानी का संकट और भी गहराने वाला है, क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने कुनार नदी से पानी को देश के नंगरहार इलाके की ओर मोड़ने की अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह कदम खैबर पख्तूनख्वा में पानी के बहाव को कम कर सकता है, जिससे पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी। यह नया विवाद पहले से ही तनावपूर्ण अफगानिस्तान-पाकिस्तान संबंधों में एक नया मोर्चा खोल सकता है।
अफगानिस्तान का फैसला
अफगानिस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय के आर्थिक आयोग की तकनीकी समिति की एक बैठक में, कुनार नदी से नंगरहार में दारुंटा बांध तक पानी ट्रांसफर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। एक बार लागू होने के बाद, इस प्रोजेक्ट से अफगानिस्तान के नंगरहार में कई कृषि भूमि को प्रभावित करने वाली पानी की कमी को दूर करने की उम्मीद है, लेकिन यह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पानी के बहाव को प्रभावित करेगा।
पाकिस्तान पर पड़ेगा असर
कुनार नदी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चित्राल जिले में हिंदू कुश पहाड़ों से निकलती है और अफगानिस्तान में बहती है। अगर अफगानिस्तान, पाकिस्तान में नदी के प्रवेश करने से पहले कुनार नदी पर बांध बनाता है, तो इससे पाकिस्तान को सिंचाई, पीने के पानी की सप्लाई और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के लिए पानी मिलने में दिक्कत हो सकती है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत के साथ सिंधु जल संधि (IWT) के विपरीत, पाकिस्तान का अफगानिस्तान के साथ इन पानी के बंटवारे को लेकर कोई संधि नहीं है, जिसका मतलब है कि तालिबान को पीछे हटने के लिए मजबूर करने का कोई तुरंत रास्ता नहीं है। |