जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थ देने से पहले पंप संचालकों से वाहनों की वैध पीयूसी प्रमाण पत्र जांच के आदेश ने वाहन मालिकों की सक्रियता बढ़ा दी है। सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर स्थित पीयूसीसी केंद्रों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। इस बीच कुछ पंपों पर सर्वर में दिक्कत आने से प्रक्रिया कुछ घंटे के लिए ठप भी रही। ऐसे में पीयूसी जांच का वक्त किसी-किसी वाहन के लिए तीन घंटे तक पहुंच गया। इसके चलते लोग पीयूसी संचालक कर्मियों से वाहन मालिक तकरार करते भी दिखे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पीयूसीसी प्रमाणपत्रों की संख्या बढ़ने की संभावना
पंप संचालकों के अनुसार, देर रात अंतिम आंकड़े आने तक आम दिनों के मुकाबले बुधवार को पीयूसीसी प्रमाणपत्र जारी होने के मामले कई गुना अधिक हो सकते हैं। दिल्ली भर में आम दिनों में यह संख्या करीब 18 हजार होती है। रामलीला मैदान, दिल्ली गेट, मटका पीर, कनाॅट प्लेस, सुल्तानपुरी, प्रशांत विहार, लक्ष्मी नगर, साउथ एक्स, कालकाजी, करोलबाग जैसे दिल्ली के इलाकों के साथ ही गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे दिल्ली से सटे शहरों में भी यह स्थिति देखने को मिली।
25 से 30 प्रतिशत वाहनों के पास ही वैध पीयूसीसी!
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को आदेश जारी कर पेट्रोल पंप संचालकों को बृहस्पतिवार से बिना वैध पीयूसीसी के वाहनों को पेट्रो पदार्थ देने से मना कर दिया है। हालांकि, इसके उल्लंघन पर पंप संचालकों को कार्रवाई से अलग रखा गया है। परिवहन विभाग के अनुसार, दिल्ली में प्रतिदिन 30 लाख से अधिक वाहन बिना वैध पीयूसीसी के चल रहे हैं। वहीं, पंप संचालकों के अनुसार, मुश्किल से 25 से 30 प्रतिशत वाहनों के पास ही वैध पीयूसीसी होंगे। प्रदूषण विशेषज्ञ इस कदम को सकारात्मक बता रहे हैं। वैसे, सरकार के इस आदेश से बिना पीयूसीसी के वाहन दौड़ा रहे मालिकों की तंद्रा टूटी और बुधवार को पंपों पर स्थित पीयूसीसी सेंटरों पर अलग ही नजारा देखने को मिला।
कई सेंटर बंद कर दिए
दिल्ली गेट स्थित पेट्रोल पंप पर दो पहिया के साथ चार पहिया वाहनों के साथ लोग जमे थे। दोपहर में एक चालक शोएब ने बताया कि उसे खड़े हुए दो घंटे हो गए हैं, लेकिन उसके वाहन का नंबर अभी तक नहीं आया है। वहीं, रामलीला मैदान स्थित पेट्रोल पंप पर सर्वर बंद होने से दो घंटे से लाइन में लगे वाहन बिना जांच के लौटे। कुछ पंपों पर कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए शाम को पीयूसी सेंटर बंद कर दिए गए।
चार गुना अधिक भीड़ उमड़ी
यही हाल अन्य स्थानों का भी रहा, बाहरी दिल्ली के निवासी प्रदीप ने बताया कि उनकी स्कूटी की जांच में करीब एक घंटे लग गए। एक घंटे के दौरान लगभग 20 लोग आ गए थे। इस बीच कई बार सर्वर डाउन भी हो गया। इस वजह से और भी समय व्यर्थ हो गया जबकि प्रशांत विहार पेट्रोल पंप बने प्रदूषण जांच केंद्र पर भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। जहां बड़ी संख्या में लोग पीयूसी कराने पहुंचे। प्रशांत विहार स्थित प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक ने बताया कि आम दिनों में 20-25 लोग प्रदूषण जांच के लिए आते थे लेकिन अब एक दिन में लगभग सौ से अधिक लोग आ चुके हैं।
पुलिस और परिवहन विभाग के कर्मियों की तैनाती
इसी तरह दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी और ओखला में आम दिनों के मुकाबले कई गुना वाहनों की कतारें देखी गई। कालकाजी और ओखला पंप के कर्मचारियों के मुताबिक जुलाई माह में पंपों पर एनपीआर कैमरे लगाए गए हैं। जैसे ही कोई वाहन चालक पंप पर पहुंचेगा, एनपीआर कैमरे से स्कैन हो जाएगा। जिसका भी पीयूसी नहीं होगा, उसके लिए स्पीकर पर एनाउंसमेंट होने पर ईंधन नहीं दिए जाएंगे। हालांकि इसका अनुपालन कराने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग के कर्मियों की तैनाती की भी जरूरत पड़ेगी।
गाजियाबाद के प्रदूषण जांच केंद्रों पर 40 प्रतिशत तक बढ़ी भीड़
दिल्ली में गुरुवार से पेट्रोलपंपों पर ईंधन लेने के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अनिवार्य कर दिया गया है। केवल एक दिन बीच में होने के कारण बुधवार को दिल्ली के वाहन भी यूपी में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए पहुंचे। बार्डर से सटे गाजियाबाद के कौशांबी, शहीदनगर आदि के प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहनों की संख्या सामान्य दिनों के मुकाबले लगभग दो गुना रही। वैशाली सेक्टर-चार स्थित प्रदूषण जांच केंद्र संचालक ने बताया कि रोजाना के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक वाहन मालिक पीयूसी बनवाने के लिए आए हैं। वहीं, शहीदनगर स्थित प्रदूषण जांच केंद्र संचालक ने बताया कि यहां भी 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। |