दिल्ली नगर निगम।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम एक ओर आर्थिक संकट से जूझ रहा है वहीं, दूसरी ओर इस संकट को दूर करने के लिए जरूरी दिल्ली राज्य वित्त आयोग का गठन पांच साल से लंबित है। छठे राज्य वित्त आयोग का गठन आखिरी बार 2016 में हुआ था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके बाद 2021 में इसका गठन होना चाहिए था लेकिन, अभी तक इसका गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में एमसीडी के पास खराब आर्थिक संकट से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। जबकि पांचवें वित्त राज्य आयोग में जो सिफारिशें की गई थी वह भी निगम लागू नहीं कर पाया है।
वहीं, जनता पर अतिरिक्त कर वोट बैंक खिसकने के डर से न तो आम आदमी पार्टी संपत्तिकर की दरों को बढ़ा पाई और न ही भाजपा की सरकार। इतना ही नहीं नौकरी पेशा लोगों पर पेशेवर कर लगाने के प्रस्ताव तो आए लेकिन वह पारित भी वोट बैंक की राजनीति के चलते पारित नहीं हुए। दिल्ली राज्य वित्त आयोग का गठन दिल्ली सरकार द्वारा किया जाना है।
पूर्व में 2021 में जब इसका गठन होना था लेकिन तत्कालीन विपक्षी भाजपा का आरोप था कि आप सरकार निगम को पंगु बनाने की कोशिश की वजह से इस आयोग का गठन नहीं कर रही है। लेकिन दिल्ली में नई सरकार के आने के नौ माह बीत जाने के बाद भी दिल्ली राज्य वित्त आयोग का गठन नहीं होने से एमसीडी के अधिकारी भी मायूस हैं। हर पांच वर्ष में दिल्ली राज्य वित्त आयोग का गठन होना चाहिए।
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वहीं, अभी तक दिल्ली राज्य वित्त आयोग का गठन न होने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा गया लेकिन अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हाल ही में दिल्ली नगर निगम आयुक्त ने जो बजट पेश किया उसमें पिछले वर्ष एमसीडी ने 17,011.92 करोड़ का बजट पेश किया था जो कि संशोधित करके 16,296 करोड़ कर दिया है। साथ ही 2026-27 के लिए करीब 500 करोड़ कम बजट पेश करते हुए 16,530.50 करोड़ का बजट अनुमान पेश किया है। आयुक्त ने निगम पर 16 हजार करोड़ की देनदारी भी बताई थी।
एमसीडी के लिए मददगार साबित हो सकता है वित्त आयोग
दिल्ली राज्य वित्त आयोग एमसीडी के लिए मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि अभी तक निगम को दिल्ली सरकार के राजस्व में से 12.5 की हिस्सेदारी मिलती है। चौथे वित्त आयोग में यह 10.5 प्रतिशत थी। चूंकि 2021 से लेकर 2025 में छठा दिल्ली राज्य वित्त आयोग गठित होकर लागू हो जाना चाहिए था वह अभी तक लागू नहीं हुआ है तो अब जब भी यह गठित होगा तो कम से 18 से 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी दिल्ली सरकार के राजस्व में निगम को देने की बात जानकार करते हैं।
वहीं, जानकार कहते हैं कि निगम को दिल्ली सरकार द्वारा मुफ्त की घोषणाओं से निगम को घाटा होता है। इससे सरकार का राजस्व कम होता है। जिसकी वजह से निगम को जो हिस्सा दिल्ली सरकार से मिलना चाहिए वह भी कम हो जाता है।
कब-कब गठित हुआ निगम दिल्ली राज्य वित्त आयोग
- 1995 के अप्रैल में पहला राज्य वित्त आयोग का गठन हुआ
- 2001 के जुलाई में दूसरा राज्य वित्त आयोग का गठन हुआ
- 2004 के अक्टूबर में तीसरे राज्य वित्त आयोग का गठन हुआ
- 2009 के अक्टूबर में चौथे राज्य वित्त आयोग का गठन हुआ जिसकी सिफारिशों को दिल्ली सरकार ने स्वीकार नहीं किया
- 2016 के अप्रैल में पांचवे राज्य वित्त आयोग का गठन हुआ
- 2021 में छठे राज्य वित्त आयोग का गठन होना चाहिए था लेकिन अभी तक लंबित है
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