Health News: ठंड में सेहत के प्रति रहें सावधान। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, पटना। Hallo Jagran: कड़ाके की ठंड में रक्तचाप अचानक बढ़ सकता है। इससे हृदयाघात व ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
खासकर बुजुर्ग, मधुमेह या पूर्व से हृदय रोग से पीड़ित लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। ठंड में शरीर काे गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक बार पंप करना पड़ता है।
इससे बीपी बढ़ व धड़कन तेज हो जाती है। दूसरी ओर पानी कम पीने, ज्यादा तली-भुनी व नमक वाली चीज़ें खाने, व्यायाम कमी जोखिम से इसका खतरा और बढ़ जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि बीपी, मधुमेह, हृदय रोगी समय पर न केवल अपनी दवाएं लेते रहें बल्कि बीपी व शुगर का स्तर भी मापते रहें।
हृदय संबंधी समस्याओं का कम हो सकता दुष्प्रभाव
यदि सांस फूलना, सीने में भारीपन, अचानक कमजोरी या लगातार डकार आदि हो तो तुरंत डाॅक्टर से परामर्श लें। इससे हृदय संबंधी गंभीर घटनाओं को रोका या उसका दुष्प्रभाव कम किया जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यदि किसी को चलने में सीने में दर्द-भारीपन, सांस फूले व रुकते ही आराम हो, खाली के बजाय भरे पेट में यह समस्या अधिक हो, ये हृदय धमनियों में 70 प्रतिशत या उससे अधिक ब्लाॅकेज का लक्षण हैं।
मधुमेह रोगियों में हृदयाघात का दर्द कई बार नहीं भी होता है। इसके बजाय उनमें अचानक कमजोरी, सांस लेने में परेशानी या लगातार डकार हो सकती है।
इसलिए, इन सभी को ठंडी हवाओं से बचना चाहिए। बाहर जाने पर एक मोटे के बजाय दो से तीन पतले कपड़े पहनने चाहिए। बाह जाने पर मफलर या स्कार्फ से मुंह, नाक, कान को ठीक से ढंक लें।
ठंड में खून गाढ़ा होने, वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस की समस्या, सर्दी-खांसी, बीपी बढ़ने के साथ धड़कन तेज होने की समस्या बढ़ जाती है।
इससे हृदय पर दबाव बढ़ता है, ऐसे में हृदयाघात या ब्रेन स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है। ये बातें रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो जागरण में आइजीआइएमएस के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. गोविंद प्रसाद ने सुधि पाठकों के सवालों के जवाब में कहीं।
बीपी रोगी हूं, ठंड बढ़ने के बाद से धड़कन तेज है?
-बीपी की दवा नियमित समय पर खाते रहें। साथ ही सात दिन बीपी का चार्ट बनाएं और एक ईसीजी कराकर डाक्टर से परामर्श लें।
ठंड में ऐसी समस्याएं और बढ़ती है इसलिए गंभीर लक्षणों से बचाव के लिए घर में सार्बिट्रेट 5 एमजी की टैबलेट रखें और दर्द-बेचैनी होने पर जीभ के नीचे रखकर आराम से बैठ जाएं। आराम महसूस पर तुरंत डाक्टर से परामर्श लें।
सीने के बीच में 40 सेकेंड तक दर्द होता है भारी काम करने पर?
-आपकी मां को भारी काम करने या सीढ़ी चढ़ने के दौरान सीने के बीच में दर्द होता है, तो इसे गंभीरता से लें। छह माह पूर्व ईसीजी व रक्त जांच रिपोर्ट सामान्य थी तो ऐसा नहीं कि अब भी सब ठीक होगा। इसे गैस नहीं मानें और तुरंत हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
मधुमेह रोगी हूं, पेट में खाना रखा सा महसूस होता है?
-मधुमेह रोगियों में गैस व कब्ज की समस्या ज्यादा होती है लेकिन लंबे समय तक गैस की दवा नहीं लें। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
इसके बजाय शुगर नियंत्रित रखें, खानपान हल्का व पौष्टिक रखें, खाली पेट चाय-काफी नहीं पिएं। खाने के बाद 10 मिनट चलें। इससे आराम नहीं हो तो किसी पेट-लिवर रोग विशेषज्ञ से मिलें।
लहसुन-अदरक ज्यादा खा रहा हूं, इससे तो मुंह में छाले नहीं?
-ठंड में पानी कम पीने व विटामिन बी काम्प्लेक्स आदि की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं। करीब तीन लिटर पानी रोज पिएं, मसालेदार खाना कम करें, कुछ दिन विटामिन बी काम्प्लेक्स लें, यदि इससे आराम नहीं हो तो आइजीआइएमएस आकर मिलें।
ठंड में इन बातों का रखें ध्यान
- बाहर का तापमान कम होने से शरीर का तापमान सही रखने के लिए हृदय को अधिक कार्य करना पड़ता है, ऐसे में वे उपाय जरूर करें जिससे हृदय को तापमान मेंटेन रखने के लिए अधिक कार्य नहीं करना पड़े।
- सुबह उठकर बहुत अधिक मात्रा में पानी नहीं पिएं। ठंडा पानी तो कतई नहीं पिएं इससे हृदय पर कार्यबोझ बढ़ने से अटैक का खतरा बढ़ जाता है। आदत है तो एक या आधा गिलास गुनगुना पानी पी सकते हैं।
- ठंड के मौसम में 25 प्रतिशत हृदयाघात का कारण वायु प्रदूषण होता है। ऐसे में सुबह व शाम नाक-मुंह को मास्क या स्कार्फ से ढंक कर रखें।
- ठंड में टहलना या अन्य शारीरिक श्रम कम हो जाते हैं इसलिए ज्यादा तला-भुना व अधिक नमक वाले व्यंजन खाने से बचें।
- खून गाढ़ा होने व गलत खानपान, व्यायाम की कमी से शुगर-बीपी अनियंत्रित हो जाता है, नियमित रूप से जांच करते रहें।
|