बिहार की इस सीट से जीतने वाले को मिलता है मलाईदार पद, हर बार बनते हैं नए समीकरण

cy520520 2025-9-27 23:13:00 views 1265
  गिनती में अंतिम, सत्ता में अहम, चकाई विधानसभा का सियासी कद





अनुराग कुमार, सोनो(जमुई)। बिहार की विधानसभाओं की सूची में भले ही चकाई का नंबर अंतिम यानी 243वां है, मगर राजनीति की कसौटी पर इसका कद हमेशा सबसे ऊंचा रहा है। गिनती में अंतिम होने के बावजूद यह सीट सत्ता की राजनीति में लगातार केंद्रीय भूमिका निभाती आई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यही वजह है कि एकीकृत बिहार के समय से ही चकाई न सिर्फ स्थानीय, बल्कि प्रदेश की सियासत में भी निर्णायक मोर्चा संभालती रही है। चकाई का भूगोल जितना जटिल है, इसका राजनीतिक इतिहास उतना ही समृद्ध और प्रभावशाली।



झारखंड की सीमा से सटा यह इलाका नक्सल प्रभावित भी रहा, मगर इसके बावजूद यहां से निकले जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश की सत्ता समीकरण में अपनी गहरी छाप छोड़ी। यही कारण है कि हर चुनाव में यह सीट राजनीतिक दलों की रणनीति के केंद्र में रहती है।

चकाई विधानसभा की सबसे बड़ी पहचान यह रही है कि यहां से निर्वाचित जनप्रतिनिधि अक्सर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ते रहे हैं। चकाई विधानसभा समाजवादी नेता श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि रही, तो इसी सीट से वर्ष 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजय हासिल करने वाले चंद्रशेखर सिंह आगे चलकर बिहार के मुख्यमंत्री बने।



उसके बाद इसी सीट से निर्वाचित नरेंद्र सिंह ने दशकों तक प्रदेश की राजनीति में अपना वर्चस्व कायम रखा। कई बार मंत्री पद संभालते हुए उन्होंने न सिर्फ चकाई, बल्कि संपूर्ण अंग क्षेत्र की राजनीति को नई दिशा दी। समय के साथ जब प्रदेश की राजनीति में गठबंधन और सत्ता परिवर्तन का दौर शुरू हुआ, तब भी चकाई की हैसियत कमजोर नहीं पड़ी।

इसका ताजा उदाहरण वर्ष 2020 का विधानसभा चुनाव है, जब निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह ने जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया। पूरे बिहार में वे अकेले निर्दलीय विधायक बने और नीतीश कुमार की सरकार को समर्थन देकर सत्ता संतुलन में निर्णायक किरदार निभाया।



नतीजतन, उन्हें विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसने इस सीट की राजनीतिक अहमियत को और मजबूती दी। चकाई विधानसभा की यही खासियत है कि यहां की सियासी गहमागहमी हमेशा सुर्खियों में रहती है।

चाहे सत्ता परिवर्तन का दौर हो या चुनावी गठबंधन की बिसात, चकाई का नाम सबसे पहले लिया जाता है। दल बदल, बगावत और नए समीकरण गढ़ने में भी इस सीट का योगदान हमेशा अहम रहा है।



कुल मिलाकर गिनती में अंतिम होने के बावजूद चकाई विधानसभा बिहार की राजनीति में अंतिम नहीं, बल्कि अहम है। यही कारण है कि इस सीट से निकले हर संदेश और हर परिणाम को पूरे प्रदेश की राजनीति बड़ी गंभीरता से देखती है।

यह भी पढ़ें- Bihar Election 2025: गोपालगंज में चेकपोस्ट और कड़ी निगरानी का खाका तैयार, संवेदनशील बूथों पर होगी पैरा मिलिट्री तैनात



यह भी पढ़ें- Bihar Election 2025: प्रत्याशियों पर रहेगी आयोग की तीखी नजर, वोट मांगने से लेकर खर्च तक पर सख्त नियम
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
133225

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.