पहाड़ों में भालू के बढ़ते हमलों को देखते वन विभाग अलर्ट, बचने के लिए बनाया यह मास्टर प्लान

cy520520 2025-11-27 01:58:42 views 820
  



राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। पहाड़ी क्षेत्रों में हाल के दिनों में भालुओं की बढ़ते हमले और मानव-भालू संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड़ पर आ गया है। प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक आरके मिश्र ने सभी वन संरक्षकों, निदेशकों, प्रभागीय वनाधिकारियों एवं उप निदेशकों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बताया कि शीत ऋतु भालुओं की शीत निंद्रा अवधि होती है, लेकिन बदलते मौसम, भोजन की कमी, कूड़े के दुरुपयोग और आवासीय दबाव जैसे कारणों से कई क्षेत्रों में भालू असामान्य रूप से सक्रिय देखे जा रहे हैं। इस वजह से मानव-भालू संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है।  

स्थानीय स्तर पर करने होंगे सुरक्षा के इंतजाम
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सुबह और शाम के समय अकेले जंगल न जाएं और समूह में ही जाने का प्रयास करें। जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को भालू से बचाव के तरीके बताए जाएंगे। साथ ही घरों और रास्तों पर कूड़ा न फेंकने, आबादी क्षेत्रों में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था करने, सोलर लाइट और मजबूत बाड़ लगाने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है। गौशालाओं, शौचालयों और घरों के आसपास झाड़ियों की नियमित सफाई विशेष रूप से शीतकाल में अनिवार्य बताई गई है।

वन क्षेत्र और आसपास ड्रोन सर्वे करें
भालू की गतिविधियों वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए कैमरा ट्रैप, पगमार्क अध्ययन और आवश्यक होने पर ड्रोन सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में क्विक रिस्पांस टीम और फील्ड स्टाफ की ओर से पैदल गश्त की जाएगी। वायरलेस, मोबाइल अलर्ट और वाट्सएप समूहों को सक्रिय रखने पर भी जोर दिया गया है। अधिकारियों को यह भी चेताया गया है कि यदि भालू अपने शावकों के साथ दिखे तो अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में तैनात होंगे 350 से अधिक साइबर फोरेंसिक कमांडो, अपराध पर लगेगा लगाम

घटना के समय भालू के व्यवहार का अध्ययन जरूरी
किसी भी घटना की सूचना मिलते ही विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें जीपीएस लोकेशन, समय और भालू के व्यवहार का उल्लेख होगा। वन कर्मियों की टीम को तुरंत घटनास्थल पर भेजा जाएगा और उनके पास ट्रेंक्यूलाइजिंग किट, प्रोटेक्टिव गियर, रेस्क्यू नेट, फर्स्ट एड किट और संचार उपकरण जरूरी होंगे। भीड़ को दूर रखना, भालू की स्थिति का आकलन करना और आवश्यकता अनुसार सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन करना अनिवार्य किया गया है। घायल व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने और अनुग्रह राशि की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के भी निर्देश हैं।

भालुओं को प्राकृतिक आवास में भोजन उपलब्ध करना होगा
भालुओं को प्राकृतिक आवास में भोजन उपलब्ध कराने के लिए ओक, काफल और जंगली बेरी जैसे खाद्य पौधों का रोपण व संरक्षण करने पर जोर दिया गया है। अधिक भालू घनत्व वाले क्षेत्रों में उनके आवास स्थलों के संरक्षण को भी प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.