एमसीडी ने आवारा कुत्ता नसबंदी को दी रफ्तार, 13.5 करोड़ मंजूर; मार्च से रुका 13 एनजीओ का बकाया भी क्लियर

cy520520 2025-12-3 04:07:01 views 1257
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों से हटाकर उनके लिए बने आश्रय गृहों में भेजने के निर्देश के बीच एमसीडी ने बड़ा कदम उठाते हुए कुत्तों के निर्धारित नसबंदी केंद्रों के लिए 13.50 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जिसमें दिल्ली के 20 आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी केंद्रों को चलाने वाले 13 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को नौ माह के बकाए का भुगतान भी शामिल है। एमसीडी के एक अधिकारी के अनुसार, इस वर्ष मार्च से इन एनजीओ को कोई भुगतान नहीं मिला है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार निर्देश दिए हैं कि एमसीडी आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने और रेबीज के मामलों को कम करने के लिए उनके नसबंदी पर जोर दें।

जबकि, नौ माह से भुगतान अटकने से नसबंदी और टीकाकरण के कार्य प्रभावित हो रहे थे। इस वित्तीय वर्ष के लिए इस मद में कोई बजट भी जारी नहीं हुआ था। एमसीडी हर नसबंदी और टीकाकरण पर एनजीओ या पशु चिकित्सक को एक हजार रुपये का भुगतान करता है, जो जांच टीम के सत्यापन के बाद दो से तीन माह में जमा किया जाता है।

प्रस्ताव के अनुसार, अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक 1.2 लाख आवारा कुत्तों का नसबंदी और टीकाकरण हुआ था, जिसके भुगतान पहले किए जा चुके हैं। मार्च से जून 2025 के बीच 42,761 कुत्तों का इलाज हुआ था, जिनका चार करोड़ 20 लाख रुपये बकाया है।

अगले वर्ष अप्रैल 2025 से फरवरी 2026 के बीच 1.35 लाख कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण का अनुमान है, जिसके लिए कुल 13.5 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जिसमें पिछली बकाया राशि भी शामिल है।
माइक्रोचिप आधारित निगरानी और जुर्माना

प्रस्ताव में माइक्रोचिप के जरिए नसबंद कुत्तों की नियमित निगरानी के लिए 1.5 करोड़ रुपये की मांग की गई है। माइक्रोचिप लगाकर एनजीओ के कार्यों की जांच की जाएगी। यदि किसी क्षेत्र में आवारा कुत्तों के बच्चे पाए जाते हैं तो उस एनजीओ की जिम्मेदारी मानी जाएगी और जुर्माना लगेगा।

मंजूर किए गए नियमों के अनुसार, प्रत्येक नए कुत्तों के बच्चों के लिए एनजीओ के वार्षिक भुगतान का दो प्रतिशत कटौती होगी, जबकि रेबीज से होने वाली मौतों के मामले में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
एसमीडी के पहले कुत्ता आश्रय गृह का निर्माण द्वारका में

आक्रामक आवारा कुत्तों को रखने के लिए एमसीडी का पहला आश्रय गृह द्वारका सेक्टर- 23 में 2.5 एकड़ जमीन पर बनेगा, जो लगभग चार महीने में तैयार होगा। उसमें एक बार में 1,500 कुत्ते रखे जा सकेंगे। इसी तरह, एमसीडी ने अब तक 130 वार्डों में आवारा कुत्तों को भोजन देने के लिए 423 स्थान चिन्हित किए हैं, जिनमें से 14 स्थानों पर साइनबोर्ड भी लगाए गए हैं।



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