आईपीएल नीलामी में ओडिया खिलाड़ी को मौका नहीं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। आईपीएल के मौजूदा सीजन की नीलामी में ओडिशा के क्रिकेट प्रेमियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। 200 से अधिक अनकैप्ड खिलाड़ियों के शॉर्टलिस्ट होने के बावजूद इस बार नीलामी में एक भी ओड़िया खिलाड़ी को जगह नहीं मिल सकी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बीसीसीआई के घरेलू टूर्नामेंटों में ओडिशा टीम के लगातार खराब प्रदर्शन का असर अब साफ तौर पर दिखने लगा है, जिसके चलते राज्य के खिलाड़ी बड़े मंच से दूर होते जा रहे हैं।
आईपीएल के इतिहास पर नजर डालें तो ओडिशा से गिने-चुने खिलाड़ियों को ही इस लीग से जुड़ने का मौका मिला। सबसे पहले हलधर दास, फिर विप्लब सामंतराय और उसके बाद शुभ्रांशु सेनापति को आईपीएल कैंप में शामिल होने का अवसर मिला था।
हलधर दास और विप्लब सामंतराय ने डेक्कन चार्जर्स और सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेला, जबकि शुभ्रांशु सेनापति दो-दो सीजन चेन्नई टीम के साथ रहने के बावजूद एक भी मैच खेलने का मौका नहीं पा सके। इसके बाद से ओड़िया खिलाड़ियों के लिए आईपीएल के दरवाजे लगभग बंद से नजर आ रहे हैं।
बीते कुछ वर्षों में स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। न तो कोई ओड़िया खिलाड़ी नीलामी में बिक रहा है और न ही नीलामी की सूची तक में जगह बना पा रहा है। घरेलू क्रिकेट में कमजोर प्रदर्शन और दीर्घकालिक योजना के अभाव को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है।
हाल के घरेलू सत्र में भी ओडिशा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम स्तर पर हो या व्यक्तिगत प्रदर्शन में, कोई भी खिलाड़ी प्रभाव नहीं छोड़ सका। इस वर्ष सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी ओडिशा टीम सुपर लीग चरण के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही।
वहीं पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के कई खिलाड़ी आईपीएल नीलामी में जगह बनाने में सफल रहे, लेकिन ओडिशा से एक भी नाम शामिल नहीं हो सका।
जहां अन्य राज्य अपनी-अपनी क्रिकेट लीग के माध्यम से नई प्रतिभाओं को तराश रहे हैं, वहीं ओडिशा इस दौड़ में पीछे छूटता नजर आ रहा है। ऐसे में क्रिकेट प्रेमियों और खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अब भी ओडिशा क्रिकेट एसोसिएशन ने आत्ममंथन कर ठोस कदम नहीं उठाए, तो राज्य में क्रिकेट का भविष्य गंभीर संकट में पड़ सकता है। |