सुरेश बाबू और राजेश्वरी देवी
जागरण संवाददाता, बरेली। जिला महिला अस्पताल की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जुड़वा और एक बेटी के जन्म के मामले की जांच में नए तथ्य सामने आए है। नए तथ्यों से महिला अस्पताल के स्टाफ की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जांच में पता चला कि महिला अस्पताल में हुए अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में भी महिला के गर्भ में जुड़वा शिशु की पुष्टि हुई है, जिसमें एक की धड़कन 126 मिली थी और दूसरे की 151 थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चिकित्सकों का कहना है कि अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट गलती से जुड़वा की बन जाने की स्थिति में उसके दिल की धड़कन में इतना फर्क नहीं होता। इस तथ्य के चलते महिला अस्पताल के स्टाफ को जुड़वा बच्चा नहीं होने की बात को नकारना मुश्किल होगा, क्योंकि यह जांच महिला के आठ माह के गर्भवती होने पर कराई गई थी।
चिकित्सकों का कहना है कि इतने समय पर अल्ट्रासाउंड में गर्भस्थ शिशु की बनावट दिखाई देने लगती है। भुता के जिगरेना निवासी सुरेश बाबू ने पत्नी राजेश्वरी देवी को आठ दिसंबर को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल स्टाफ ने आठ दिसंबर को ही राजेश्वरी का प्रसव कराकर एक बेटी सुरेश को सौंपी।
दो अल्ट्रासाउंड में थी जुड़वा होने की रिपोर्ट
इस पर उन्होंने अस्पताल स्टाफ से दूसरे बच्चे के बारे में पूछा और 14 नवंबर को महिला अस्पताल में ही हुए अल्ट्रासाउंड और सितंबर में भुता में निजी बरेली अल्ट्रासाउंड सेंटर से कराई गई जांच का हवाला दिया, क्योंकि दोनों ही जांच रिपोर्ट में गर्भ जुड़वा शिशु होने की बात कही गई थी, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने एक बेटी के जन्म की बात कही।
सुरेश इसकी शिकायत मंडलायुक्त और सीएमओ से भी कर चुके हैं। मंडलायुक्त और सीएमओ ने जांच कराकर कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस मामले की जांच को गठित टीम के सदस्यों ने भी जांच तेज कर दी है। जांच के दौरान पता चला कि राजेश्वरी देवी के गर्भ में दो शिशु ही थे। इसमें एक ही धड़कन 126 प्रति मिनट और दूसरे की 151 प्रति मिनट थी।
जिला अस्पताल की रिपोर्ट में पूरा शिशु दर्शाया गया
ऐसी ही रिपोर्ट सितंबर में भुता में निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में हुई जांच में भी आई थी, जिसमें गर्भ में जुड़वा शिशु होने, लेकिन एक शिशु की ही सांस चलने की रिपोर्ट दी गई थी। अब इस तथ्य को नकारना महिला अस्पताल के स्टाफ के लिए मुश्किल होगा, क्योंकि महिला अस्पताल के सीनियर रेडियोलाजिस्ट डा. चंद्रप्रकाश सिंह की ओर से तैयार रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु के सिर, गर्दन और पैरों की हड्डियों को भी दर्शाया है।
इस रिपोर्ट को ही आधार बनाकर पीड़ित पिता सुरेश बाबू ने मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी के सामने पहुंचकर यह आशंका जताई कि जिला महिला अस्पताल वालों ने उसका एक शिशु चुराकर कहीं गायब कर दिया है।
अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों को नोटिस जारी कर मांगी रिपोर्ट
भुता के जिगरेना निवासी सुरेश बाबू की पत्नी राजेश्वरी देवी का मामला सुर्खियों में ही था। इसी दौरान इज्जतनगर के मुहल्ला आंबेडकरनगर निवासी आकाश ने पत्नी को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्होंने सुभाषनगर के तिलक कालोनी स्थित ओशो अल्ट्रासाउंड पर 11 अक्टूबर को जांच कराई थी, उसमें एक ही शिशु की रिपोर्ट दी थी, जबकि प्रसव के बाद जुड़वा शिशु हुए।
पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. लईक अहमद ने बताया कि इन दोनों ही अल्ट्रासाउंड संचालकों को नोटिस जारी किया है। इसमें पूछा है कि उन्होंने यह रिपोर्ट किस आधार पर बनाई और वहां कौन रेडियोलाजिस्ट तैनात है? वहीं, सुरेश बाबू की पत्नी के मामले को लेकर भी सीएमएस डा. त्रिभुवन प्रसाद से अल्ट्रासाउंड की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
सीसीटीवी फुटेज पर उठे सवाल
भुता के जिगरेना निवासी राजेश्वरी के गर्भ में जुड़वा शिशु होने व एक बेटी का जन्म होने के मामले में जिला महिला अस्पताल के अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इससे अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज पर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें, जिला महिला अस्पताल में वर्ष 2012 में भी एक ही मामला सामने आया था।
इस प्रकरण की जांच के लिए सीएमओ डा. विश्राम सिंह को निर्देशित किया था। अभी रिपोर्ट मिली नहीं है, जैसे ही इसकी आख्या मिलती है। उसके आधार पर तय किया जाएगा कि आगे क्या कदम उठाने हैं।
- भूपेंद्र एस चौधरी, मंडलायुक्त
इस मामले की जांच चल रही है। इसके लिए टीम का गठन तो पहले ही कर दिया है। वह संबंधित लोगों से पूछताछ भी कर रही है। टीम के सदस्यों को निर्देशित किया जा चुका है कि वह निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करे, ताकि सच्चाई सभी के सामने आ सके।
- डा. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
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