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जागरण संवाददाता, गोरखपुर। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की ओर से वर्ष 2026 की इंटरमीडिएट प्रयोगात्मक परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसके तहत इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं दो चरणों में आयोजित की जाएंगी। प्रथम चरण की परीक्षा 24 जनवरी से एक फरवरी तक होंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
29 एवं 30 जनवरी, 2026 को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) की लिखित परीक्षा आयोजित होने के कारण इन दोनों तिथियों में कोई अन्य परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी तथा विद्यालयों में शैक्षिक अवकाश रहेगा।
द्वितीय चरण की परीक्षा दो से नौ फरवरी कराई जाएंगी। इस चरण में गोरखपुर मंडल के जनपदों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। गोरखपुर जनपद में करीब 65 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे।
परिषद द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रथम चरण में बस्ती मंडल तथा द्वितीय चरण में गोरखपुर मंडल के जनपदों में प्रयोगात्मक परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं।
हाईस्कूल की प्रयोगात्मक परीक्षाएं गत वर्ष की भांति विद्यालय स्तर पर आंतरिक मूल्यांकन (प्रोजेक्ट कार्य) के आधार पर कराई जाएंगी। हाईस्कूल के व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को अपने अग्रसारण केंद्र के प्रधानाचार्य से संपर्क कर प्रयोगात्मक परीक्षा में सम्मिलित होना सुनिश्चित करना होगा।
हाईस्कूल की प्रयोगात्मक परीक्षा (आंतरिक मूल्यांकन), नैतिक शिक्षा, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा इंटरमीडिएट की नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा के प्राप्तांक विद्यालय के प्रधानाचार्य के माध्यम से परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर आनलाइन अपलोड किए जाएंगे। प्राप्तांक अपलोड करने के लिए वेबसाइट 10 जनवरी से क्रियाशील कर दी जाएगी।
परीक्षा की रिकार्डिंग रखनी होगी सुरक्षित
प्रयोगात्मक परीक्षाएं अनिवार्य रूप से सीसी कैमरों की निगरानी में संपादित कराई जाएंगी। परीक्षा आयोजन की रिकार्डिंग सुरक्षित रखनी होगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर परिषद को उपलब्ध कराई जा सके।
बोर्ड की ओर से प्रयोगात्मक परीक्षा की तिथि घोषित कर दी गई है। जनपद में दूसरे चरण में परीक्षा दो से नौ फरवरी तक कराई जाएगी। बोर्ड के निर्देश के क्रम में परीक्षा की तैयार शुरू करा दी गई, ताकि निर्धारित तिथि में शुचितापूर्ण परीक्षा संपादित कराई जा सके। -
-डा.अमरकांत सिंह, डीआइओएस |