राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निराश्रित गोवंशी के संरक्षण के लिए सरकार ने पांच अरब रुपये की धनराशि वस्वीकृत की है। इसके साथ ही दुग्ध विकास व अन्य योजनाओं के लिए भी धनराशि जारी की गई है। निराश्रित गोवंशी के संरक्षण के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अस्थायी गो आश्रय स्थल की स्थापना की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गोवंशी के रखरखाव के लिए पांचवी किस्त के रूप में जारी धनराशि का उपयोग अस्थायी गोवंशी आश्रय की स्थापना, संचालन व संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण के लिए किया जाएगा। इसमें अधिकतम 50 रुपये प्रतिदिन प्रति गोवंश की दर से खर्च किया जाना है।
वहीं, दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें पुनर्जीवित करने की योजना के तहत दुग्ध संघों के अनुदान के लिए 13,47,58,000 रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
यह धनराशि आगरा, मैनपुरी, मेरठ, झांसी, जालौन (उरई), हमीरपुर, महोबा, बांदा, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, प्रयागराज, प्रतापगढ, कानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बहराइच और गोंडा में उपयोग की जाएगी।
किसानों को प्रशिक्षण को 31 जनपदों के लिए 1.36 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की है। इसके अलावा अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक येाजना के तहत पशु रोग अनुसंधान तथा निदान और सेवाओं के विस्तार के लिए छह करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। |