Assam foreigners expulsion: असम के नागांव जिले के 15 लोगों को, जिन्हें अलग-अलग समय पर ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किया गया था, शुक्रवार तक राज्य और भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह निर्देश 1950 के इमिग्रेंट्स (असम से निष्कासन) अधिनियम के तहत राज्य की शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है।
विदेशी ट्रिब्यूनल के फैसले के अनुसार, ये 15 लोग, जिनमें 6 महिलाएं हैं, बांग्लादेश से आए थे और भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
नागांव जिले के कमिश्नर देवाशीष शर्मा ने 17 दिसंबर को एक निर्देश जारी कर इन 15 लोगों को आदेश मिलने के 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने को कहा था। एक अधिकारी ने PTI को बताया कि यह आदेश गुरुवार को उन्हें सौंप दिया गया।
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बांग्लादेश के इन लोगों को 1990 से लेकर 2021 तक कई बार \“विदेशी\“ घोषित किया गया।
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, आदेश में कहा गया था कि घोषित विदेशी “आदेश प्राप्त होने के 24 घंटों के भीतर धुबरी/श्रीभूमि/दक्षिण सालमारा-मनकाचर मार्ग से असम और भारत की सीमा पार कर लें“।
आदेश में कहा गया है कि, इस निर्देश का पालन न करने की स्थिति में, सरकार आपको भारत के असम राज्य की भूमि से निष्कासित करने के लिए उचित कार्रवाई करने के लिए विवश होगी।
जिन लोगों को विदेशी घोषित किया गया है उनमें अनवरा बेगम, आशा खातून, हुसैन अली, रहीम शेख, बुरेक अली, इदरीस अली, नजरुल इस्लाम, जहारा खातून, अब्दुल अजीज, अहेदा खातून, अजुफा खातून, फजिला खातून, रुस्तम अली, अनवर खान और ताहिर अली शामिल हैं।
इस वर्ष सितंबर में, असम मंत्रिमंडल ने 1950 के अधिनियम के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को मंजूरी दी, जो कानून बनने के बाद से लंबे समय तक लागू नहीं किया गया था।
इमिग्रेंट्स (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को केंद्र सरकार ने उस समय बनाया था, जब विभाजन के बाद के वर्षों में तत्कालीन असम सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से हो रहे पलायन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की थी।
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