राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक कार्तिक जतरा में शामिल होंगी।
जागरण संवाददाता, गुमला। पंखराज साहेब कार्तिक उरांव आदिवासी शक्ति स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय निर्माण समिति के तत्वावधान में रायडीह प्रखंड के मांझाटोली में 30 दिसंबर को अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक कार्तिक जतरा का भव्य आयोजन किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को परिसदन में आयोजन समिति द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
इसमें समिति के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने कहा कि लगभग 15 वर्षों के अथक प्रयास के बाद यह ऐतिहासिक अवसर आया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
देश की प्रथम नागरिक इस जन सांस्कृतिक जतरा में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव के सपनों को साकार करने के उद्देश्य से वर्ष 2010 से निरंतर जन सांस्कृतिक जतरा का आयोजन किया जा रहा है।
झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा का सीमांत क्षेत्र है कार्यक्रम स्थल
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण एवं संवर्द्धन करना है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मांझाटोली का यह स्थल झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तीनों राज्यों का सीमांत क्षेत्र है, जिससे इस आयोजन का अंतरराज्यीय महत्व और भी बढ़ जाता है।
इस वर्ष के कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के मुख्यमंत्री के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों के भी शामिल होने की संभावना है।
आदिवासी शक्ति स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय की चल रही मांग
उन्होंने कहा कि इस स्थल पर आदिवासी शक्ति स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग लंबे समय से की जा रही है, जिसे मूर्त रूप देने की दिशा में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बताया गया कि 29 दिसंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में तीनों राज्यों से लगभग एक हजार खोड़हा दल भाग लेंगे, जबकि 30 दिसंबर को एक लाख से अधिक लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान है।
उसी अनुरूप प्रशासनिक एवं आयोजन स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। आयोजन समिति ने यह भी उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति के आगमन के बाद आगामी वर्ष प्रधानमंत्री को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा।
बताया गया कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग ढाई हजार एकड़ भूमि पर किया जाना है। प्रेस वार्ता में संतन भगत, गंगाराम, मीडिया संयोजक देवेंद्र उरांव, सचिव जगनारायण सिंह सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे। |