राज्य ब्यूरो, पटना। गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी में जुटे या उसमें सक्रिय रूप से भाग लेने वाले एनसीसी कैडेट्स के लिए राज्यपाल सचिवालय ने विशेष परीक्षा आयोजित करने की अनुमति प्रदान की है। इस संबंध में सभी संबंधित विश्वविद्यालयों को शुक्रवार को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस फैसले से उन कैडेट्स को बड़ी राहत मिलेगी, जो राष्ट्रीय कर्तव्य के निर्वहन के कारण अपनी नियमित परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पाए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी निर्देश के अनुसार यह व्यवस्था बिहार के सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों में लागू होगी। हालांकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और नालंदा खुला विश्वविद्यालय को इस व्यवस्था से मुक्त रखा गया है। विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 30 नवंबर 2021 के डीओ पत्र का उल्लेख करते हुए कुलाधिपति की स्वीकृति प्रदान किए जाने की जानकारी दी गई है।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि वे एनसीसी कैडेट्स, जो गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी के दौरान प्रशिक्षण में लगे रहे हैं या जिन्होंने वास्तव में परेड में भाग लिया है, उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित की जा सकेगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गतिविधि में भाग लेने के कारण किसी भी छात्र की शैक्षणिक प्रगति प्रभावित न हो।
यह विशेष परीक्षा व्यवस्था कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के चार वर्षीय ऑनर्स पाठ्यक्रमों पर लागू होगी, जो चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत संचालित हैं। विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे इस अनुमति के अनुरूप आवश्यक परीक्षा कार्यक्रम तैयार करें और पात्र एनसीसी कैडेट्स को इसका लाभ प्रदान करें।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह व्यवस्था तब तक प्रभावी रहेगी, जब तक संबंधित अध्यादेशों और नियमों में आवश्यक संशोधन नहीं कर लिया जाता। इस निर्णय से एनसीसी कैडेट्स को अकादमिक और राष्ट्रीय दायित्वों के बीच संतुलन बनाने में सहूलियत मिलेगी।
राज्यपाल सचिवालय ने इस आदेश की प्रतिलिपि उच्च शिक्षा विभाग, बिहार राज्य उच्च शिक्षा परिषद और राज्य के सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भी भेज दी है, ताकि निर्देशों का समुचित रूप से पालन सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षा जगत में इस निर्णय को छात्र हित में उठाया गया सकारात्मक कदम माना जा रहा है। |