दुधॉमुंहे बच्चे को लेकर स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचती सीएचओ श्यामोली रविदास। फोटो जागरण
अजय कुमार, चानन (लखीसराय)। एक ओर बढ़ती ठंड से आम लोगों की हाड़ कंपकंपा रही है, वहीं दूसरी ओर अपने कर्तव्य और सेवा भाव के प्रति सजग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कुंदर की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) श्यामोली रविदास तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपनी ड्यूटी निभा रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कड़ाके की ठंड में दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना उनकी कर्मनिष्ठा को दर्शाता है, लेकिन यह तस्वीर स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
शुक्रवार को जागरण टीम ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कुंदर का आन-द-स्पॉट जायजा लिया। सुबह करीब 10 बजे टीम के पहुंचने पर एएनएम सुनीता कुमारी बरामदे में कुर्सी पर बैठकर ओपीडी पंजी का संधारण कर रही थीं।
वहीं, सुरक्षा गार्ड ओमप्रकाश दास मोबाइल और कॉपी के माध्यम से ऑनलाइन कार्य में सहयोग करते दिखे। जागरण टीम को देखते ही सभी कर्मचारी अपने-अपने कार्यों में और अधिक सतर्कता के साथ जुट गए।
सुबह 11 बजे तक कुल चार मरीजों का पंजीयन कर उपचार किया जा चुका था, जबकि बीते गुरुवार को यहां 28 मरीजों का इलाज हुआ था। इसी दौरान सुबह 11:20 बजे एक लग्जरी कार स्वास्थ्य केंद्र परिसर में पहुंची, जिससे सीएचओ श्यामोली रविदास अपने दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर कड़ाके की ठंड में उतरती दिखीं और सीधे स्वास्थ्य केंद्र के अंदर गईं।
यह दृश्य विभागीय उदासीनता के बीच समर्पण की मिसाल बना रहा। इसी क्रम में नौ वर्षीय बालक रोहन कुमार अपनी दादी के साथ इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। बच्चे के हाथ में गंभीर चोट थी।
सीएचओ ने बच्चे की जांच कर आवश्यक दवा उपलब्ध कराई। हालांकि, स्वास्थ्य केंद्र की जमीनी हकीकत चिंताजनक है। यहां प्रसव की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य केंद्र परिसर में एक भी चापाकल नहीं होने के कारण बिजली कटते ही पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। ग्रामीण मरीजों और कर्मियों दोनों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध सुविधाएं
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कुंदर में कुल 194 प्रकार की दवाओं में से मात्र 106 प्रकार की दवाएं ही उपलब्ध हैं। ठंड से बचाव के लिए आवश्यक एंटीबायोटिक इंजेक्शन मौजूद हैं। जांच सुविधाओं में हीमोग्लोबिन, गर्भावस्था जांच, टीबी, शुगर एवं रक्तचाप जांच की व्यवस्था है, लेकिन सबसे गंभीर समस्या यह है कि यहां पिछले नौ माह से इनवर्टर खराब पड़ा है।
इनवर्टर लगने के बाद से ही आज तक चालू नहीं हो सका। कई बार इसे ठीक करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस समस्या की शिकायत वरीय अधिकारियों से भी की गई, बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
नतीजतन बिजली कटते ही स्वास्थ्य केंद्र में रखा फ्रिज शोभा की वस्तु बनकर रह जाता है, जिससे टीकों और दवाओं के सुरक्षित भंडारण पर भी सवाल खड़े होते हैं। कुल मिलाकर कुंदर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में एक ओर जहां कर्मठ स्वास्थ्यकर्मी सीमित संसाधनों में भी सेवा देने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं की कमी स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा रही है। |
|