जागरण संवाददाता, गाजीपुर । जनपद में लगातार बढ़ रही कड़ाके की ठंड के बीच ट्रेनों और रोडवेज बसों के लेट लतीफ संचालन ने यात्रियों की मुसीबतें और बढ़ा दी है। शनिवार को दिन भर कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से स्टेशन पर पहुंचीं। इसके चलते यात्रियों को ठंड में प्लेटफार्म और बस अड्डे पर लंबा इंतजार करना पड़ा। ठंड और कोहरे के कारण पहले से ही जनजीवन प्रभावित है, वहीं परिवहन सेवाओं की अनियमितता ने लोगों को बेहाल कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
शनिवार की शाम तीन बजे गाजीपुर पहुंचने वाली सुहलदेव एक्सप्रेस दो घंटे की देरी से स्टेशन पर पहुंची। इसके अलावा फरक्का एक्सप्रेस डेढ़ घंटा, पटना-वाराणसी मेमू पैसेंजर 3.30 घंटा, पटना-डीडीयू ढाई घंटा, ब्रह्मपुत्र मेल एक घंटा सहित तमाम ट्रेनें घंटों विलंब से चल रहे हैं। सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म पर मौजूद बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ठंड से कांपते नजर आए।
यात्रियों का कहना था कि समय से ट्रेन न पहुंचने के कारण न सिर्फ सफर प्रभावित हुआ, बल्कि ठंड में घंटों बैठना भी भारी पड़ गया। इसके अलावा अन्य कई ट्रेनों के भी निर्धारित समय से लेट होने की जानकारी सामने आई। दूसरी ओर रोडवेज बसों का संचालन भी समय से नहीं हो पा रहा है।
बसों की देरी के चलते यात्री बस अड्डे पर घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी परेशानी यह रही कि स्टेशन और रोडवेज परिसर में अलाव या रैन बसेरे की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। ठंड से बचाव के इंतजाम न होने पर यात्रियों में नाराजगी देखी गई। लोगों ने प्रशासन से ठंड को देखते हुए अलाव, रैन बसेरा और समयबद्ध परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित कराने की मांग की है।
बोले स्टेेशन के यात्री..
-ठंड पहले ही काफी बढ़ गई है, ऊपर से ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं। प्लेटफार्म पर बैठकर इंतजार करना मजबूरी बन गया है। सबसे ज्यादा परेशानी अलाव की व्यवस्था न होने से हो रही है। ठंड से बचने का कोई इंतजाम नहीं है, इससे यात्री बेहद परेशान हैं।-विनय यादव, कदियापुर।
-ट्रेन लेट होने की सूचना तो मिल जाती है, लेकिन इंतजार के दौरान कोई सुविधा नहीं दी जाती। प्लेटफार्म पर अलाव या गर्म पानी तक की व्यवस्था नहीं है। छोटे बच्चों के साथ ठंड में घंटों खड़े रहना बहुत मुश्किल हो गया है।-श्रीप्रकाश, अलावलपुर।
-लगातार ट्रेनें लेट हो रही हैं, जिससे पूरा यात्रा कार्यक्रम बिगड़ गया है। स्टेशन पर अलाव न होने से ठंड से बचना मुश्किल है। बुजुर्ग और बीमार यात्रियों की हालत और खराब हो जाती है, प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।-विशाल सिंह, अलावलपुर।
-कोहरा और ठंड के कारण ट्रेनें लेट हैं, यह समझ में आता है, लेकिन यात्रियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अलाव या रैन बसेरा न होने से प्लेटफार्म पर ठिठुरना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में सफर करना बेहद परेशानी भरा हो गया है।-सूरज शर्मा, रसूलपुर।
बोले रोडवेज के यात्री..
-ठंड के मौसम में रोडवेज का संचालन पूरी तरह से अव्यवस्थित है। घंटे–डेढ़ घंटे में कभी-कभार बस आती है। मऊ रूट पर जाने के लिए हम लोग डेढ़ घंटे से इंतजार कर रहे थे, लेकिन बस नहीं खुली। ऊपर से अलाव की व्यवस्था नहीं होने से ठंड में खड़े रहना मुश्किल हो गया है।-पंचानंद तिवारी, मटेहूं
-रोडवेज कर्मचारियों से पूछने पर भी सही जानकारी नहीं मिलती। मऊ रूट के लिए बस का समय तय नहीं है। ठंड में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। अलाव या बैठने की कोई सुविधा नहीं है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।-कल्पनाथ, हैदरगंज।
-बलिया जाने के लिए रोडवेज पर काफी देर से खड़े हैं, लेकिन बस समय से नहीं आ रही। ठंड के कारण हालत खराब है। रोडवेज परिसर में अलाव की व्यवस्था नहीं है, जिससे यात्रियों को ठिठुरते हुए इंतजार करना पड़ रहा है।-अशोक विश्वकर्मा, कुस्महीकला।
-ठंड के मौसम में रोडवेज की अव्यवस्था साफ नजर आ रही है। बसों का कोई निश्चित समय नहीं है। बलिया जाने के लिए काफी देर से इंतजार कर रहे हैं। अलाव और रैन बसेरा न होने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।-शिवजी, बलिया। |