बरहड़वा स्टेशन पर बरामद कछुए और साहिबगंज के डीएफओ बल गर्ग।
डा. प्रणेश, जागरण, साहिबगंज। कियूल–मालदा इंटरसिटी ट्रेन (13410) से शुक्रवार रात करीब 10 बजे पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन रेलवे स्टेशन पर 128 कछुए बरामद किए गए। सभी कछुए पांच बैकपैक में रखे गए थे।
ट्रेन में गश्ती कर रहे आरपीएफ जवानों को एक महिला की गतिविधियां संदिग्ध लगीं। उसके पास पांच भारी बैकपैक थे। पूछताछ के दौरान महिला संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी। इसी दौरान ट्रेन मालदा टाउन स्टेशन पहुंच गई।
वहां सभी बैकपैक को ट्रेन से उतारकर जब जांच की गई तो उनमें 128 कछुए मिले। हिरासत में ली गई महिला को कछुओं सहित वन विभाग को सौंप दिया गया। इससे पहले शुक्रवार रात बरहड़वा रेलवे स्टेशन पर फरक्का एक्सप्रेस (15734) से 662 कछुए बरामद किए गए थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस मामले में दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया। सभी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के निवासी हैं और वहीं से ट्रेन में सवार हुए थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि तस्करों ने उन्हें कछुओं को मालदा पहुंचाने की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उससे पहले ही वे आरपीएफ के हत्थे चढ़ गए।
अवैध दवाओं में कछुओं का इस्तेमाल
कुछ क्षेत्रों में आज भी यह अंधविश्वास प्रचलित है कि कछुओं से बनी दवाएं शरीर की ताकत और यौन क्षमता बढ़ाती हैं। इसी गलत धारणा के कारण कछुओं की अवैध तस्करी की जा रही है।
तस्कर कछुओं के मांस, खून, हड्डियों और खोल का उपयोग कथित \“ताकत बढ़ाने वाली\“ दवाओं के निर्माण में करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के किसी भी उपयोग का कोई वैज्ञानिक या चिकित्सकीय प्रमाण नहीं है।
इसके बावजूद लालच और अफवाहों के चलते यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। भारत में कछुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित हैं और उनका शिकार या व्यापार गंभीर अपराध है।
वाइल्ड लाइफ ब्यूरो का सहयोग लेगा वन विभाग
कछुओं की लगातार हो रही बरामदगी वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। पिछले साल जुलाई में साहिबगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर खड़ी 14004 दिल्ली–मालदा आनंद विहार ट्रेन से 20 किलो का एक बड़ा कछुआ बरामद किया गया था।
बरहड़वा स्टेशन से भी दो कछुए मिले थे। इससे पहले भागलपुर में सात जिंदा और एक मृत कछुआ बरामद किया गया था। 18 दिसंबर को गया जंक्शन पर दून एक्सप्रेस से 102 कछुए, जबकि 15 दिसंबर को नेताजी एक्सप्रेस से 76 कछुए बरामद किए गए थे।
इस बार कुल चार लोगों की गिरफ्तारी से अंतरराज्यीय तस्करी गिरोह का खुलासा हुआ है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि सुल्तानपुर में कई लोग कछुओं को पकड़ने के काम में लगे हैं।
पर्याप्त संख्या में कछुए इकट्ठा होने के बाद उन्हें दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। गिरोह के खुलासे के लिए वन विभाग वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो का सहयोग लेगा। इस संबंध में रिपोर्ट भेजने की तैयारी की जा रही है।
कछुआ तस्करी को देखते हुए आरपीएफ ने ‘ऑपरेशन विलेप’ भी शुरू किया है। मालदा मंडल में इसकी निगरानी डीआरएम मनीष गुप्ता और मंडल सुरक्षा आयुक्त असीम कुमार कुल्लू स्वयं कर रहे हैं। जल्द ही इस अंतरराज्यीय गिरोह के बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है।
बरहड़वा रेलवे स्टेशन से शुक्रवार रात 662 कछुए बरामद किए गए हैं। दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्हें बैग मालदा पहुंचाने के लिए दिए गए थे। कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। आरोपितों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी और गिरोह की धड़पकड़ के लिए वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो का सहयोग लिया जाएगा।- प्रबल गर्ग, डीएफओ, साहिबगंज |