डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में कथित मतांतरण के दबाव का एक मामला सामने आया है। काकनवानी थाना क्षेत्र के मदरानी गांव में एक युवक को मतांतरण के लिए कथित रूप से मजबूर करने, मारपीट और धमकी देने के आरोप में दो पादरियों समेत आठ लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पीड़ित युवक गेंदाल डामोर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि शुक्रवार शाम करीब चार बजे वह गांव में रास्ते से गुजर रहा था, तभी गांव के ही दो पादरी और उनके साथ मौजूद अन्य लोगों ने उसका रास्ता रोक लिया। आरोप है कि उन्होंने उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। मना करने पर गाली-गलौज के साथ-साथ मारपीट भी की गई।
गांव में पसरा तनाव
घटना के बाद गांव में माहौल तनावपूर्ण हो गया। सनातन समाज से जुड़े लोग बड़ी संख्या में काकनवानी थाने पहुंचे और तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे। पुलिस द्वारा पहले जांच की बात कहे जाने पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ गया और वे थाने के बाहर धरने पर बैठ गए।
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स्थिति को देखते हुए पुलिस ने पादरी कैलाश डामोर और नहारिया गरवाल सहित शांतू मडिया, रमजी डामोर, पीलू डामोर, गेंदाल परमार, शांता डामोर और जोगी भूरिया—सभी निवासी मदरानी—के खिलाफ मतांतरण का दबाव बनाने, मारपीट और धमकी देने की धाराओं में मामला दर्ज किया।
थांदला एसडीओपी नीरज नामदेव ने बताया कि आठों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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पहले भी हुईं घटनाएं
गौरतलब है कि झाबुआ जिले में इससे पहले भी कथित मतांतरण से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन इस घटना में खुलेआम रास्ता रोककर दबाव बनाए जाने के आरोप ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल गांव में पुलिस की नजर बनी हुई है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है। |