दलमा में नन्हा हाथी बादल के साथ अठखेलियां करता व्यक्ति।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी में आने वाले पर्यटकों के लिए अब एक नया आकर्षण जुड़ गया है। दलमा के प्रवेश द्वार मकुलाकोचा के पास अब पर्यटकों को नन्हा हाथी ‘बादल’ देखने को मिलेगा। महज तीन माह का यह हाथी चाईबासा वन प्रमंडल के हाट गम्हरिया क्षेत्र से रेस्क्यू कर दलमा लाया गया है। दलमा के वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) सबा आलम अंसारी ने नन्हे हाथी का नाम ‘बादल’ रखा है। अब तक दलमा आने वाले पर्यटक मकुलाकोचा में रखी गई पालतू हथिनी रजनी को देखकर उत्साहित होते थे।
फोटो और सेल्फी लेकर दलमा की यादें कैमरे में करते हैं कैद यदि जंगल भ्रमण के दौरान जंगली हाथी नजर नहीं आते थे, तो पर्यटक रजनी को देखकर ही खुश हो जाते थे। लोग उसे चारा खिलाते, उसके साथ फोटो और सेल्फी लेकर दलमा की यादें कैमरे में संजोकर ले जाते थे।
डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि नन्हा हाथी बादल न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण बनेगा, बल्कि दलमा में एकमात्र बची रजनी हथिनी का अकेलापन भी दूर करेगा। अब दलमा आने वाले सैलानियों के लिए रजनी और बादल की जोड़ी विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
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हाट गम्हरिया से रेस्क्यू कर लाया गया बादल डीएफओ ने बताया कि नन्हा हाथी बादल को चाईबासा वन प्रमंडल के हाट गम्हरिया क्षेत्र से सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर मकुलाकोचा लाया गया है। ठंड के मौसम को देखते हुए हाथी की विशेष देखभाल की जा रही है। उसे ठंड से बचाने के लिए कंबल ओढ़ाया गया है और जमीन पर पुआल बिछाया गया है, ताकि उसे आराम मिल सके। वन विभाग द्वारा नन्हे हाथी के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। पशु चिकित्सक नियमित रूप से उसकी जांच कर रहे हैं और उसे नए वातावरण में ढालने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि बादल की देखभाल में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। |