दोगुनी होंगी रेल सेवाएं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने आगामी पांच वर्षों में ट्रेनों के संचालन की क्षमता दोगुनी करने की व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत पूर्वोत्तर रेलवे तीन शहरों गोरखपुर, लखनऊ और वाराणसी को चयनित किया गया है। इसलिए गोरखपुर जंक्शन को आधुनिक स्वरूप देने का कार्य तेज गति से चल रहा है। यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यहां आधारभूत संरचना का व्यापक विस्तार किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन के पुनर्विकास से यात्रियों की आने वाली 50 वर्षों की जरूरतें पूरी होंगी। 498 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे पुनर्विकास कार्य के तहत 17,900 वर्ग मीटर क्षेत्र में भव्य नए स्टेशन भवन तथा 7,400 वर्ग मीटर क्षेत्र में द्वितीय प्रवेश द्वार का निर्माण किया जा रहा है।
स्टेशन पर रूफ प्लाजा, विशाल प्रतीक्षालय, भोजनालय, स्वचालित मुद्रा निकासी केंद्र, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र सहित आधुनिक सुविधाएं विकसित होंगी। लिफ्ट और एस्केलेटर के माध्यम से प्लेटफार्मों को रूफ प्लाजा से जोड़ा जाएगा। स्टेशन परिसर को पूरी तरह जाम-मुक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दो बहुउद्देशीय वाणिज्यिक टावरों में बहु-स्तरीय वाहन पार्किंग, बजट होटल और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान विकसित किए जाएंगे। प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन और बस अड्डे से स्काई वाक-वे के माध्यम से सीधा संपर्क रहेगा।
वर्तमान 427 ईसीएस समतुल्य कार पार्किंग क्षमता को बढ़ाकर 838 ईसीएस किया जाएगा। दोनों प्रवेश द्वारों पर हरित पट्टी भी विकसित की जाएगी।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर छावनी रेलवे स्टेशन को उपग्रह स्टेशन के रूप में विकसित कर लिया गया है, जहां पांच प्लेटफार्म से छह जोड़ी ट्रेनों का संचालन हो रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए दो पैदल उपरिगामी पुल बनाए गए हैं तथा द्वितीय प्रवेश द्वार के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है।
ट्रेनों के संचालन को दोगुना करने के लिए कुसुम्ही-गोरखपुर छावनी-गोरखपुर-डोमिनगढ़ रेलखंड पर तीसरी लाइन और गोरखपुर–नकहा जंगल रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है।
नकहा जंगल से आनंदनगर, सिद्धार्थनगर होते हुए गोंडा तक दोहरीकरण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। गोरखपुर स्थित पुराने पिट लाइन का क्षमता विस्तार भी किया जा रहा है।
इसके अलावा गोरखपुर–वाल्मीकि नगर 96 किलोमीटर रेलखंड पर 1120.66 करोड़ रुपये की लागत से विद्युतीकरण सहित दोहरीकरण का कार्य तेजी से जारी है। आनंदनगर–घुघली वाया महराजगंज तथा सहजनवा–दोहरीघाट नई रेललाइन परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं।
इन सभी योजनाओं के पूर्ण होने पर गोरखपुर देश के प्रमुख रेल केंद्रों में शामिल होगा और अगले पांच वर्षों में यहां से ट्रेनों का संचालन दोगुना हो जाएगा। |