पाकिस्तान की एक महिला की दुर्लभ बीमारी का सफल इलाज हुआ।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की रहने वाली अफशीन गुल गर्दन की एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी एटलांटो-एक्सियल रोटेटरी डिसलोकेशन से पीड़ित थीं। इस बीमारी के कारण उनकी गर्दन लगभग 90 डिग्री तक मुड़ चुकी थी, जिससे उनका सामान्य जीवन पूरी तरह बाधित हो गया था। वर्ष 2017 में अफशीन का मामला सामने आया, जो स्पाइन विशेषज्ञ डा. राजगोपालन कृष्णन (अपोलो अस्पताल, दिल्ली) की जानकारी में आया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मानवीय संवेदना के तहत डाॉ. कृष्णन ने बिना किसी शुल्क के उनका जटिल इलाज करने की पेशकश की। वर्ष 2022 में कई चरणों में हुई सर्जरी के दौरान डा. राजगोपालन ने राड और स्क्रू की मदद से उनकी खोपड़ी और गर्दन की हड्डियों को सही स्थिति में स्थिर किया। सफल इलाज के बाद अफशीन पहली बार अपना सिर सीधा रखने और स्वतंत्र जीवन जीने में सक्षम हुई हैं। उनके परिवार ने डा. कृष्णन सराहना करते हुए इस उपचार को सरहदों से ऊपर इंसानियत और करुणा की मिसाल बताया।
एटलांटो-एक्सियल रोटेटरी डिसलोकेशन (एएआरडी) गर्दन की एक दुर्लभ गंभीर बीमारी है। इसमें गर्दन की पहली दो हड्डियां ‘एटलस’ (सी-वन) और एक्सिस (सी-टू) आपस में असामान्य रूप से घूमकर अपनी सही स्थिति से हट जाती हैं। इससे सिर एक तरफ झुक या घूम जाता है और उसे सीधा करना मुश्किल हो जाता है।
यह बीमारी जन्मजात कारणों, संक्रमण, चोट, गिरने, सूजन या कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के भी हो सकती है। इसके लक्षणों में गर्दन का टेढ़ा हो जाना, तेज दर्द, गर्दन की जकड़न, सिर घुमाने में कठिनाई और गंभीर मामलों में तंत्रिका संबंधी समस्याएं शामिल हैं। |