जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। फरुखनगर क्राइम ब्रांच द्वारा चोरी के मामले में गिरफ्तार किए गए भिवाड़ी के आरोपित आसिफ इकबाल की लाॅकअप में मौत के मामले में शनिवार शाम हत्या का केस दर्ज किया गया। एफआईआर के अनुसार, परिवारवालों ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होना प्रतीत बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गिरफ्तार करने गए चार पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। कहा कि पुलिसकर्मियों ने आरोपित को गिरफ्तार न करने पर चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। गरीब बताने पर दो लाख रुपये मांगे। धमकी दी कि अगर दो लाख भी नहीं पहुंचाए तो आरोपित का एनकाउंटर कर दिया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार एफआइआर दर्ज होने के बाद चार पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।
इससे पहले पूरे दिन पोस्टमार्टम हाउस के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। आरोपित आसिफ इकबाल की मौत के बाद पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए गुरुग्राम भेजा था। यहां मजिस्ट्रेट के समक्ष तीन डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। मौत की जानकारी मिलने पर आसिफ के परिवार वाले तिजारा के पूर्व विधायक कांग्रेस नेता इमरान खान के साथ पहुंचे। भीड़ जुटने पर बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया।
एसीपी क्राइम ललित दलाल, एसीपी पटौदी सुखबीर सिंह, फरुखनगर, सिविल लाइंस, उद्योग विहार, सिटी थाने के प्रभारी भी मौजूद रहे। इस दौरान भी परिवारवालों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत में बातें छिपाई। सही तरीके से परिवारवालों को मौत के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। कहा कि क्राइम ब्रांच की एक टीम शुक्रवार रात में ही आसिफ के घर पहुंची थी और परिवारवालों से उसका आधार कार्ड ले गई। उस दौरान भी आसिफ की मौत के बारे में जानकारी नहीं दी गई। उन्हें बाद में पता चला।
परिवारवालों ने मामले की गंभीरता से जांच के लिए कहा है। पुलिस अधिकारियों ने परिवारवालों को समझाया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम में जो भी जानकारी सामने आएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम में शव पर हल्के चोटों के निशान पाए गए हैं। हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह ताजे हैं या पुराने। डाक्टरों ने बिसरा को जांच के लिए मधुबन लैब भेज दिया है।
परिवार ने रिश्वत मांगने के लगाए आरोप
पुलिस प्रवक्ता की ओर से शुक्रवार रात जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार फरुखनगर क्राइम ब्रांच की टीम ने चोरी के मामले में आरोपित आसिफ इकबाल को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। शुक्रवार शाम उसने रजाई के खोल से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। दूसरी ओर आसिफ के परिवार ने थाने में दर्ज कराई एफआइआर में गंभीर आरोप लगाए हैं। एफआइआर के अनुसार खैरथल के करेंडा गांव में रहने वाले आसिफ के चाचा अलीजान ने कहा कि 24 दिसंबर की शाम करीब चार बजे चार पुलिसकर्मी रामपुरा गांव स्थित उनके भाई इकबाल के घर सादे कपड़ों में आए थे। उन्होंने अपने आप को फरुखनगर क्राइम ब्रांच से बताया।
पुलिसकर्मियों ने उनके एक भतीजे इसरार को एक मोबाइल नंबर मिलाने के लिए कहा। इसरार ने जब नंबर लगाया तो वह आसिफ का था। आफिस को बुलाया गया। जैसे ही आसिफ घर से बाहर आया तो पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया। आफिस से पूछताछ करने लगे। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने कहा कि उसके खिलाफ एक चोरी की एफआईआर दर्ज है, जिसमें आसिफ के सिम का इस्तेमाल हुआ है। कुछ देर बाद चारों पुलिसकर्मियों ने परिवार से चार लाख रुपए मांगे। कहा कि वह यह मामला यहीं रफा दफा कर देंगे और आसिफ को भी यही छोड़ जाएंगे। जब परिवार ने गरीब बताया और कहा कि इतने पैसे नहीं हैं।
इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दो लाख रुपये की डिमांड की। कहा कि वह आसिफ के साथ मारपीट नहीं करेंगे और न ही पुलिस रिमांड लेंगे। परिवारवालों ने पैसे देने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि यदि उन्होंने दो लाख नहीं पहुंचाए तो वह आसिफ को गंभीर चोट पहुंचाएंगे तथा खाने कमाने लायक भी नहीं छोड़ेंगे। कहीं पर भी एनकाउंटर करके मार देंगे। इसके बाद पुलिसकर्मी आसिफ को लेकर चले गए। आरोप है कि फरुखनगर क्राइम ब्रांच के कर्मचारियों ने जानबूझकर आसिफ की हत्या कर दी।
इन चार पुलिसकर्मियों को किया गया लाइन हाजिर
मामला पोस्टमार्टम हाउस में तब शांत हुआ, जब एफआईआर दर्ज कर ली गई। इसके साथ ही कांग्रेस नेता इमरान खान और परिवार के लोगों ने पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने की मांग की। सूत्रों के अनुसार इसके बाद पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई राजेश, कांस्टेबल प्रीतम, नरेंद्र और परवीन को लाइन हाजिर कर दिया गया।
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