तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
संवाद सूत्र, रामपुर कारखाना। फर्जी अभिलेख तैयार कर नौकरी लेने के मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आंगनबाड़ी सहायिका की मानदेय आधारित सेवा समाप्त कर दिया है। इस आदेश की प्रतिलिपि जिलाधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को भी भेज दिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रामपुर कारखाना के ग्राम करनपुर पचफेड़ा के रहने वाले शिकायतकर्ता अलकेंद्र राव ने जनसुनवाई के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी को शिकायत दी गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि गांव में तैनात आंगनबाड़ी सहायिका उषा देवी पत्नी सुरेश ने वर्ष 2004 में धोखाधड़ी करके जूनियर हाई स्कूल का स्थानांतरण प्रमाण पत्र एबीएसए रामपुर कारखाना, प्रधानाचार्य का और बीएसए का फर्जी मोहर व हस्ताक्षर लगा कर मानदेय सेवा की नौकरी प्राप्त कर ली।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसकी जांच कराई। जांच के दौरान पाया गया कि उषा देवी द्वारा सहायिका पद पर चयन के लिए प्रस्तुत स्थानांतरण प्रमाण पत्र सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी रामपुर कारखाना के फर्जी हस्ताक्षर एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का काउंटर साइन प्रति हस्ताक्षर दिया गया है वह फर्जी है।
इसके लिए उषा देवी को 20 नवंबर 2025 को जिलाधिकारी के समक्ष अपनी सुनवाई करने का अवसर प्रदान किया गया। जिसमें कहा गया कि यदि आपके कोई सहपाठी आपके साथ आपकी कक्षा में अध्ययन किया हो तो उसका बयान दर्ज कराए और साक्ष्य प्रस्तुत करें। लेकिन तीन दिसंबर 2025 तक इस संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
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अंतिम अवसर देते हुए छह दिसंबर तक अपने पक्ष में विद्यालय में पढ़ने वाले किसी भी व्यक्ति का विवरण प्रस्तुत करने को कहा गया। लेकिन उषा देवी ने 22 दिसंबर 2025 तक इस संबंध में न तो अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत किया और नहीं कोई भी ऐसा सहपाठी प्रस्तुत किया। जिससे स्पष्ट हो सके कि उक्त विद्यालय में उनके साथ किसी ने अध्ययन किया हो।
जिलाधिकारी के जनसुनवाई के क्रम में 21 नवंबर 2025 में दिए गए अनुमोदन के क्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी आदिश मिश्रा ने उषा देवी सहायिका करनपुर पचफेड़ा की मानदेय आधारित सेवा समाप्ति करते हुए संबंधित अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर दिया है। |
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