प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के लिए दो सड़क और एक मेगा ब्रिज निर्माण की परियोजना केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के लिए पहुंच गयी है।
लगभग दस हजार करोड़ की इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद आगे बढ़ेगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से इन तीनों परियोजनाओं को पहले से अनुमति है।
इसके तहत गंडक पर बनने वाला पुल बिहार और उत्तर प्रदेश को सीधी संपर्कता प्रदान करेगा। यह भारत के सबसे लंबे पुलों में एक होगा। वहीं, एक रोड प्रोजेक्ट के निर्माण से बिहार से नेपाल जाने में दो घंटे कम समय लगेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गंडक पर बनने वाले पुल से यूपी और बिहार की दूरी 35 किमी कम हो जाएगी
जिस पुल के निर्माण का प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के लिए गया है वह गंडक नदी पर बेतिया के मनुआपुल से यूपी के तिवारी पट्टी सेवरही के बीच बनाया जाना है। इसे पटजिरवा पुल कहा जाता है। इस पुल की लंबाई 12 किमी है।
लंबाई के हिसाब से यह देश के सबसे लंबे पुल में एक होगा। इस पुल के बन जाने से बेतिया से यूपी जाने में 35 किमी की दूरी कम हो जाएगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुमति के बाद से इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही।
पूर्णिया से खगड़िया सड़क की फोरलेनिंग
बिहार का जो दूसरा प्रोजेक्ट केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा वह पूर्णिया से खगड़िया के बीच फोरलेनिंग का है। इसकी कुल लंबाई 143 किमी है। इसकी लागत 3975 करोड़ रुपए है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसे अपनी अनुमति प्रदान कर रखी है। इसके बन जाने से पटना से खगड़िया की यात्रा में भी कम समय लगेगा।
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा सड़क की फाेरलेनिंग
केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के लिए बिहार की तीसरी परियोजना मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी-सोनबरसा सड़क की फोरलेनिंग है। यह सड़क अभी दो लेन में है और इसकी लंबाई 144 किमी के करीब है। इस सड़क को फोर लेन में विकसित हो जाने से इस रास्ते नेपाल जाने में दो घंटे की बचत होगी।
इसकी लागत 2400 करोड़ रुपये है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस रोड प्रोजेक्ट को अनुमति दे रखी है। |