जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी। (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सहयोगी, जागरण, देवबंद (सहारनपुर)। जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के 17 दिसंबर को गोरखपुर में दिए गए उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने मुसलमानों को सूर्य, नदी और वृक्ष की पूजा करने का सुझाव दिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंगलवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमान सिर्फ एक अल्लाह की इबादत करता है। इस देश की मिट्टी तथा प्रकृति से प्रेम करना और इनकी पूजा करना दोनों अलग-अलग बातें हैं। मुसलमानों को ईश्वर के अलावा वृक्ष, धरती, सूर्य, समुद्र या नदी की पूजा के लिए आमंत्रित करना इस बात का प्रमाण है कि संघ ‘प्रिय’ और ‘पूज्य’ के बीच के बुनियादी अंतर को समझने और समझाने में असफल है।
मौलाना मदनी ने कहा कि जमीयत ने जहां हमेशा सद्भावना, संवाद और आपसी सम्मान के लिए प्रयास किए, वहीं संघ और अन्य हिंदुत्ववादी तत्वों के मन में इस्लाम और मुसलमानों को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने की भी कोशिश की।
मौलाना ने कहा कि दुख के साथ कहना पड़ता है कि इस सद्भावनापूर्ण पहल का सकारात्मक उत्तर देने के बजाय संघ के कुछ पदाधिकारी लगातार उग्र और उकसावे वाला रवैया अपनाए हैं। इतना ही नहीं, वे अन्य धर्मों के मानने वालों की आस्था और विश्वास के विरुद्ध उन पर अपनी पूजा पद्धति थोपने का प्रयास कर रहे हैं, जो किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। |