शकील अहमद खान की फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन की एकजुटता को लेकर सवाल उठाने के साथ ही कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता शकील अहमद खान का विरोध शुरू हो गया है।
युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं व पूर्व महासचिव नागेंद्र पासवान विकल ने उन्हें एक अवसरवादी नेता बताया है। नागेंद्र प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि चुनाव के पहले उन्हें गठबंधन प्यारा लगता था।
गठबंधन के समय क्यों नहीं किया था विरोध
अब हारने के बाद उन्हें राजद बुरा लगने लगा है। RJD के साथ गठबंधन का निर्णय इन्हीं लोगों की सलाह पर आलाकमान ने लिया था।
उसी समय इसका विरोध होना चाहिए था। उस वक्त विरोध नहीं किया क्योंकि उस वक्त इन लोगों का स्वार्थ था। अब जब चारो खानें चित्त पड़े हैं, तो ज्ञान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल इन्हें अब पप्पू यादव अच्छे लगने लगे हैं। हार के बाद अपनी उपस्तिथि दर्ज कराने के लिये शकील अहमद इस तरह का बयान दे रहे है।
क्योंकि उनके पास करनें को कुछ बचा नहीं, ना संगठन में हैं और ना ही सदन में। लिहाजा मीडिया की सुर्खियां बटोरनें का प्रयास कर रहे हैं।
शकील अहमद खान ने राजद पर बोला था हमला
बता दें कि कांग्रेस के सीनियर लीडर शकील अहमद खान ने एक दिन पूर्व महागठबंधन को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि राजद की वजह से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे में पार्टी को अब अलग रास्ता पकड़ने की जरूरत है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विदेश दौरे पर भी सवाल उठाए थे। शकील अहमद खान ने कहा कि बिहार में महागठबंधन बचा ही कहां है।
उनके इस बयान पर राजद ने भी कड़ा पलटवार किया। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में कांग्रेस को जो भी वोट मिलता है वह राजद की वजह से। उन्होंने इस तरह का बयान देने से बचने की नसीहत भी दी। |
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