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जागरण संवाददाता, मेरठ। नए साल में मौसम के तेवर और तल्ख होने की स्थिति बन रही है। पश्चिम उप्र के कई जिलों में हल्की से मध्यम बरसात हो सकती है। तीन माह होने को हैं और एक बूंद पानी नहीं बरसा है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार सात जनवरी के बाद भी एक और पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होगा जो मैदानी क्षेत्रों में बरसात दे सकता है। इस तरह एक से 15 जनवरी के बीच मौसम में व्यापक उतार चढ़ाव देखने को मिलेंगे। भीषण ठंड का का सामना करना पड़ सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दिसंबर में इस ज्यादा कोहरा, अब तक 13 रातों को कोहरा पड़ा
कोहरे की मोटी परत पाकिस्तान से पंजाब, एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक छायी हुई है। सोमवार की रात सबसे घना कोहरा रहा। सुबह के समय कोहरा छंट गया। धूप निकली जरूर लेकिन ठंड से राहत दिलाने की सामर्थ्य उसमें नहीं थी। अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस पर टिक गया। वहीं न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दिसंबर में इस बार कोहरे की मार अधिक है। 13 दिन कोहरा पड़ चुका है। जबकि औसतन आठ दिन कोहरे के माने जाते हैं।
मेरठ कालेज के भू गोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. कंचन सिंह ने बताया कि जब धरती की सतह इतनी ठंडी हो जाती है कि वातावरण में मौजूद नमी संघनित होकर जम जाती है और बादलों का रूप ले लेती है तो उसे कोहरा कहते हैं। 50 से कम डेंस, थिक फाग 180 मीटर एक किलोमीटर को मिस्ट कहते हैं। ऐसे मौसम में अगर प्रदूषण भी बढ़ा हुआ हो तो अति सूक्ष्म कण कोहरे के साथ मिलकर सघनता और बढ़ा देते हैं।
दिसंबर में यही देखने को मिल रहा है। सोमवार की रात 11 बजे दिल्ली रोड पर भयावह स्थिति रही। जहां पर स्ट्रीट लाइट नहीं थी वहां हाल बेहद खराब था। खौफ के साये में वाहन चलाते दिखे। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से 31 दिसंबर से मौसम बदला नजर आएगा।
दिन में बादल छाए रह सकते हैं। एक जनवरी को कोल्ड डे या शीत दिवस रह सकता है। इसके बाद पांच छह दिसंबर तक पहाड़ों की ठंडी हवाएं मैदानों का रुख करेंगी जिससे ठंड के तेवर और बढ़ेंगे। लगातार तीसरे दिन मेरठ प्रदेश में चौथा सबसे प्रदूषित शहर,
स्वास्थ्य को कुप्रभाव डाल रही दूषित हवा
मेरठ प्रदेश में गाजियाबाद, नोएडा, और ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों के बाद सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है। शाम चार मेरठ में वायु गुणवत्ता सूचकांक 344 रहा। कूड़ा जलने पर कोई अंकुश नहीं होने और ग्रैप के मानकों को नरजअंदाज कर हो रहे निर्माण कार्य के कारण पीएम 2.5 की मात्रा वातावरण में आठ गुणा अधिक बनी हुई है।
पल्लवपुरम और जयभीमनगर में शाम सात बजे एक्यूआइ 358 और 354 आंकी गई। रात आठ बजे के बाद पीएम 2.5 की मात्रा 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक बनी हुई है। जबकि की इसकी सुरक्षित मात्रा 50 मानी जाती है। रात में कार्बन मोनो आक्साइड भी बढ़ी हुई है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात में कोहरे में निकलते समय कितनी प्रदूषित हवा हमारे शरीर के अंदर पहुंच कर हमारे स्वास्थ्य को कुप्रभाव डाल रही है।
शाम चार बजे अलग अलग शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक
- गाजियाबाद 404
- नोएडा 400
- ग्रेटर नोएडा 366
- मेरठ 344
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