search

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, करोड़ों के फर्जी लोन घोटाले में जेएंडके बैंक मैनेजर को दी जमानत

Chikheang Yesterday 22:27 views 837
  

करोड़ों के फर्जी लोन घोटाले में जेएंडके बैंक मैनेजर को हाईकोर्ट से जमानत।



जेएनएफ, जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने करोड़ों रुपये के फर्जी लोन घोटाले से जुड़े एक मामले में जम्मू-कश्मीर बैंक के अधिकारी जतिंदर कुमार को जमानत प्रदान कर दी है। जस्टिस मोहम्मद यूसुफ वानी ने याचिकाकर्ता की सुनवाई करते हुए यह राहत दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

जतिंदर कुमार पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक ऋण स्वीकृत करने के गंभीर आरोप हैं। जतिंदर कुमार, पुलिस स्टेशन क्राइम ब्रांच, आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), जम्मू में दर्ज मामले में आरोपित हैं। उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 419, 420, 467, 468, 471, 120-बी के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दर्ज मामले के अनुसार, जेएंडके बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया कि सह-आरोपित सलीम यूसुफ भट्टी और अन्य लोगों ने वाटर शेड कमेटी के निष्क्रिय खातों को सक्रिय किया, खातों के नाम बदले, फर्जी वेतन प्रमाण पत्र और पुष्टि पत्र जारी किए तथा सरकारी कर्मचारियों का रूप धारण कर व्यक्तिगत, कैश क्रेडिट और कार लोन हासिल किए। इससे बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

यह भी आरोप है कि उस समय राजौरी मुख्य शाखा में प्रबंधक के पद पर तैनात जतिंदर कुमार ने फर्जी कर्मचारियों के व्यक्तिगत ऋण मामलों को प्रोसेस किया और दस्तावेजों में मौजूद गंभीर खामियों को नजरअंदाज किया।

जांच में मनी ट्रेल का भी जिक्र किया गया है, जिसमें इंपीरियल ट्रेडिंग कंपनी के खाते के माध्यम से 5 लाख रुपये जतिंदर कुमार को और 4.75 लाख रुपये उनकी पत्नी के एसबीआई खाते में ट्रांसफर होने का दावा किया गया। इसके अलावा, मुख्य आरोपी की 4 अक्टूबर 2023 को नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तारी के दौरान जतिंदर कुमार का क्रेडिट कार्ड भी बरामद होने का उल्लेख किया गया।

वहीं, जतिंदर कुमार ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनका नाम प्रारंभिक एफआईआर में नहीं था और बाद में उन्हें मामले में फंसाया गया। उन्होंने दलील दी कि दस्तावेजों की जांच या लोन स्वीकृत करने की जिम्मेदारी उनकी नहीं थी और उनकी भूमिका केवल सक्षम प्राधिकारी के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत करने तक सीमित थी। उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी 2025 से वह न्यायिक हिरासत में हैं।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने माना कि मामले में चालान पेश किया जा चुका है, सह-आरोपितों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और इस स्तर पर जतिंदर कुमार की हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके आधार पर अदालत ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही शर्तें लगाई गईं कि वे बिना अनुमति भारत से बाहर नहीं जाएंगे, नियमित रूप से ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1410K

Credits

Forum Veteran

Credits
144824

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com