मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में आयोजित इफको सम्मान समारोह में सम्मान लेती प्रसिद्ध साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा और युवा साहित्यकार अंकिता जैन। जागरण।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कमानी सभागार में मंगलवार को इफको सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें हिंदी साहित्य जगत की दो सशक्त ग्रामीण भारत की आवाजों को सम्मानित किया गया। उर्वरक क्षेत्र की प्रतिष्ठित सहकारी संस्था इफको द्वारा वर्ष 2025 का इफको साहित्य सम्मान सुप्रसिद्ध कथाकार मैत्रेयी पुष्पा को प्रदान किया गया। इसी मंच पर उभरती युवा लेखिका अंकिता जैन को उनकी चर्चित पुस्तक \“\“ओह रे किसान\“\“ के लिए पुरस्कृत किया गया।
इफको के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने लेखिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। सुप्रसिद्ध कथाकार मैत्रेयी पुष्पा को उनके समग्र साहित्यिक अवदान के लिए प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र और 11 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि इफको साहित्य सम्मान का उद्देश्य ग्रामीण एवं कृषि जीवन पर केंद्रित साहित्य को प्रोत्साहित करना है। वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रकांता की अध्यक्षता वाली निर्णायक समिति ने मैत्रेयी के लेखन में ग्रामीण यथार्थ और स्त्री जीवन की मार्मिक अभिव्यक्ति के आधार पर उनका चयन कर सम्मान प्रदान किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए दिलीप संघाणी ने कहा कि मैत्रेयी पुष्पा का लेखन निजी अनुभवों से उपजा समाज का वह सच है जो दुर्लभ है। वहीं, इफको के प्रबंध निदेशक केजे पटेल ने अपने संदेश में मैत्रेयी को गहरे सामाजिक सरोकारों वाली रचनाकार बताया। युवा सम्मान से सम्मानित होने वाली अंकिता जैन ने बताया कि वह एक शोधकर्ता और प्रोफेसर से लेखक बनी हैं।
अंकिता लेखन के साथ- साथ \“\“वैदिक वाटिका\“\“ के माध्यम से आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण और खेती-किसानी से भी जुड़ी हैं। उनकी कृति ओह रे किसान ग्रामीण संघर्षों को नए दृष्टिकोण से पेश कर रही है। कार्यक्रम के अंत में अजय कुमार के निर्देशन में मैत्रेयी पुष्पा की कहानी गुनहगार का कलाकारों ने मंचन किया। जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। |
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