जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कोआपरेटिव इंटर कालेज के खेल मैदान में 26 दिसंबर को 11वीं के छात्र सुधीर भारती उर्फ भोला की गोली मारकर हत्या करने की घटना का पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है। पिपराइच व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने इस सनसनीखेज घटना में शामिल नाबालिग समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल 7.65 एमएम पिस्टल, एक 315 बोर तमंचा व बाइक बरामद की। आरोपितों को दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसपी उत्तरी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में दयानंद उर्फ छोटू, ऋतिक रोशन उर्फ रोशन, उदय उर्फ किशन कुमार, दीपक और एक बाल अपचारी शामिल हैं। दयानंद, ऋतिक और उदय को पुलिस ने सोमवार रात करीब 1:30 बजे कोनी तिराहे के पास से पकड़ा, जबकि दीपक और बाल अपचारी को मंगलवार की सुबह सुभाष नगर से गिरफ्तार किया गया।
सभी आरोपितों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से चार को जेल और नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया। विवेचना में सामने आया कि हत्या की साजिश पुरानी रंजिश और इंटरनेट मीडिया पर स्टेटस को लेकर रची गई थी।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि 7.65 एमएम पिस्टल थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर पवन राजभर ने उपलब्ध कराई थी, जबकि 315 बोर का तमंचा दीपक और बाल अपचारी ने जुटाया था। इसी आधार पर मुकदमे में आम्र्स एक्ट की बढ़ोतरी की गई है। पुलिस के अनुसार नामजद आरोपित विनय कुमार और असलहा देने वाला हिस्ट्रीशीटर पवन राजभर फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
पुलिस ने बताया कि घटना के दिन सुधीर अपने पड़ोसी गोलू को बाइक चलाना सिखाने खेल मैदान गया था। इसी दौरान दयानंद, ऋतिक और उदय वहां पहुंचे। दयानंद ने बेहद करीब से दो फायर किए, पहली गोली लगते ही सुधीर की मौत हो गई, जबकि दूसरी गोली हवा में चलाई गई। तमंचा साथ रखा गया था, लेकिन उससे फायरिंग नहीं हुई। पुलिस का कहना है कि साक्ष्य मजबूत हैं और जल्द ही फरार आरोपित भी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
गढ़वा गांव में सन्नाटा, पुलिस पहरे में जनजीवन
सुधीर हत्याकांड के पर्दाफाश व पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद भी मुड़ेरी गढ़वा गांव में माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं हो सका है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है और हर चौराहे पर पुलिस की मौजूदगी साफ दिख रही है। जिस कोआपरेटिव इंटर कालेज के खेल मैदान में कभी युवाओं की चहल-पहल रहती थी, वह अब भी वीरानी है। दौड़ लगाने वाले युवक व टहलने वाले बुजुर्ग कई दिनों से मैदान की ओर नहीं आए हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक गिरफ्तारी से कुछ हद तक राहत जरूर मिली है, लेकिन दो फरार आरोपितों को लेकर आशंका बनी हुई है। लोग घरों के बाहर कम निकल रहे हैं। बातचीत का केंद्र अब भी वही घटना है। हर गली में यही चर्चा है कि इंटरनेट मीडिया पर शुरू हुई तकरार किस तरह खूनी संघर्ष में बदल गई। गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि पहले बच्चों के बीच मामूली विवाद होते थे, लेकिन अब इंटरनेट मीडिया ने झगड़ों को खतरनाक मोड़ दे दिया है। पुलिस ने एहतियातन गांव में अतिरिक्त बल तैनात कर रखा है। दिन-रात गश्त हो रही है ताकि किसी तरह का आक्रोश दोबारा न भड़के।
आरोपितों के घरों पर पहले हुई तोड़फोड़ के बाद वहां सन्नाटा है। कई घरों पर ताले लटके हैं। परिवार के लोग रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुधीर की हत्या ने पूरे गांव को झकझोर दिया है। एक छात्र, जो पढ़ाई और खेल में रुचि रखता था, उसकी इस तरह दिनदहाड़े हत्या से अभिभावकों में डर बैठ गया है। पुलिस का दावा है कि फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हालात पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति है। |