कैबिनेट ने नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी (फोटो- एक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समितिने बुधवार को महाराष्ट्र में 374 किलोमीटर लंबे छह लेन वाले ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी। इस परियोजना की कुल पूंजी लागत 19,142 करोड़ रुपये है और इसे बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT-टोल) मोड पर विकसित किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आधिकारिक बयान के अनुसार, यह परियोजना नासिक, अहिल्यानगर (अहमदनगर), धाराशिव और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी तथा कुरनूल से जोड़ेगी। यह प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सिद्धांतों के तहत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
यह ग्रीनफील्ड कॉरिडोर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (वधावन पोर्ट इंटरचेंज के पास), आगरा-मुंबई कॉरिडोर (नासिक में NH-60 जंक्शन पर) और समृद्धि महामार्ग (पांगरी के पास) से जुड़ेगा। इससे पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। चेन्नई की ओर से पहले से चल रहे 700 किमी लंबे 4-लेन कॉरिडोर से यह जुड़कर सूरत-चेन्नई हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा बनेगा।
परियोजना के प्रमुख लाभ
- यात्रा दूरी में 201 किमी की कमी।
- यात्रा समय में 17 घंटे की बचत (कुल समय 31 घंटे से घटकर लगभग 17 घंटे)।
- डिज़ाइन गति 100 किमी/घंटा, औसत गति 60 किमी/घंटा,支持करेगा।
- कोप्पार्थी और ओरवाकल जैसे NICDC औद्योगिक नोड्स से माल परिवहन की लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार।
- सुरक्षित, तेज और निर्बाध यातायात।
इससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे नासिक, अहिल्यानगर, धाराशिव और सोलापुर जिलों का समग्र विकास होगा। परियोजना से लगभग 251 लाख मानव-दिवस प्रत्यक्ष और 314 लाख मानव-दिवस अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है, साथ ही आसपास अतिरिक्त रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना पश्चिमी भारत को दक्षिण से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यह मंजूरी महाराष्ट्र के लिए वर्ष के अंत में बड़ा तोहफा है, जो राज्य की कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगी। |