जागरण संवाददाता, एटा। जनपद में किसानों से धान, मक्का और बाजरा की एक साथ खरीद कराए जाने के बावजूद मक्का खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। मक्का खरीद की अंतिम तिथि 31 दिसंबर बीत जाने के बाद भी विभाग सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह गया। जबकि बाजरा खरीद का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। धान खरीद भी तय लक्ष्य से कम रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सरकार ने इस बार अनाज खरीद को गति देने के लिए एक नवंबर से ही खरीद प्रक्रिया शुरू करा दी थी, जबकि पिछले वर्ष 15 नवंबर से खरीद शुरू हुई थी। इसके बावजूद जिले में मक्का और धान की खरीद लक्ष्य के सापेक्ष नहीं हो सकी। विभाग को मक्का खरीद के लिए आठ हजार कुंतल का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन अंतिम दिन दोपहर तक महज छह हजार कुंतल मक्का की ही खरीद हो सकी। ऐसे में शेष लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं हो पाया।
अपेक्षित संख्या में खरीद केंद्रों तक मक्का लेकर नहीं पहुंचे किसान
मक्का खरीद के लिए सरकार ने इस बार 2400 रुपये प्रति कुंतल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया था। इसके बावजूद किसान अपेक्षित संख्या में खरीद केंद्रों तक मक्का लेकर नहीं पहुंचे। इसके उलट बाजरा खरीद में विभाग ने बेहतर प्रदर्शन किया। बाजरा खरीद का लक्ष्य एक लाख 90 हजार कुंतल निर्धारित किया गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। इस दौरान करीब चार हजार किसानों से बाजरा की खरीद की गई।
वहीं धान खरीद का लक्ष्य 70 हजार कुंतल तय किया गया था। इसके सापेक्ष 31 दिसंबर तक 63 हजार कुंतल धान की ही खरीद हो सकी। धान की खरीद करीब 800 किसानों से की गई है। तय लक्ष्य से कम खरीद होने को लेकर विभागीय स्तर पर समीक्षा की जा रही है।
जिला विपणन अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि केंद्र प्रभारियों को लक्ष्य के अनुरूप अनाज खरीद कराने के निर्देश दिए गए थे। जहां जहां खरीद में कमी रही है, उसके कारणों की समीक्षा की जा रही है। विभाग का प्रयास है कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। |
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