विद्युत विनियामक आयोग पांच महत्वपूर्ण नियमावलियां तैयार करेगा। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड की बिजली व्यवस्था को सुरक्षित, आधुनिक और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने राज्य की बिजली प्रणाली के लिए पांच महत्वपूर्ण नियमावलियां तैयार करने और पुराने नियमों में सुधार की प्रक्रिया तेज कर दी है। यह काम केंद्र सरकार द्वारा लागू नए इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड के आधार पर होगा, जिसके अनुसार देश के सभी राज्यों को अपने स्टेट ग्रिड नियमों को अपडेट करना अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट कर चुका है कि राज्य आयोगों को केंद्र के ग्रिड कोड के मुताबिक ही नियम बनाने होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग अब पांच प्रमुख नियमों स्टेट ग्रिड कोड, ओपन एक्सेस-जनरल नेटवर्क एक्सेस, डेविएशन सेटलमेंट मैकेनिज्म, एंसिलरी सर्विस और रिसोर्स एडिक्वेसी नियम को नए सिरे से तैयार करेगा।
इसके लिए सलाहकार कंपनी को देश के कम से कम चार राज्यों की नियमावलियों का अध्ययन करना होगा, उत्तराखंड की मौजूदा बिजली व्यवस्था का तकनीकी मूल्यांकन कर केंद्र के नियमों में से राज्य पर लागू होने वाले बिंदुओं की सूची तैयार करनी होगी, नए नियमों का प्रारूप (ड्राफ्ट) बनाना होगा और स्टेकहोल्डर सुझावों को शामिल करते हुए अंतिम नियमावली तैयार करनी होगी। खास बात यह है कि सभी नियमों का हिंदी संस्करण भी अनिवार्य रूप से तैयार कराया जाएगा। पूरा काम 120 दिनों में पूरा करना है।
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नई नियमावली लागू होने के बाद राज्य की बिजली व्यवस्था ज्यादा सुरक्षित, ज्यादा पारदर्शी और स्थिर हो जाएगी। नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड में जोड़ना आसान होगा, ट्रिपिंग और तकनीकी खराबियों में कमी आएगी, बिजली खरीद व बिक्री अधिक सुव्यवस्थित होगी। उत्तराखंड की पूरी बिजली व्यवस्था राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और भविष्य की जरूरतों के लिए सक्षम बन जाएगी। |