संसद में कौन सा विधेयक हो सकता है पेश? (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एकल उच्च शिक्षा नियामक की स्थापना के लिए विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से इसे शुक्रवार को ही मंजूरी मिल गई है। विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों को स्वतंत्र और स्वपोषित बनाने के लिए आवश्यक है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस प्रस्तावित कानून को पहले उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) विधेयक के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब इसका नाम विकसित भारत शिक्षा अधिक्षण नियम रखा गया है। एकल उच्च शिक्षा नियामक, जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में प्रस्तावित किया गया था, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) और राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को प्रतिस्थापित करेगा।
क्या है विधेयक का उद्देश्य?
एक अधिकारी ने कहा- \“\“विधेयक का उद्देश्य उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना करना है ताकि विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थान स्वतंत्र और स्वशासित संस्थान बन सकें और एक मजबूत और पारदर्शी मान्यता और स्वायत्तता प्रणाली के माध्यम से उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया जा सके।\“\“
कौन से कॉलेज होंगे दायरे बाहर?
हालांकि, यूजीसी वर्तमान में देश में गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा की देखरेख करता है, एआइसीटीई तकनीकी शिक्षा की देखरेख करता है, जबकि एनसीटीई शिक्षकों की शिक्षा के लिए नियामक निकाय है। आयोग को एकल उच्च शिक्षा नियामक के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव है, लेकिन चिकित्सा और लॉ कालेजों को इसके दायरे में नहीं लाया जाएगा।
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