लिवर-पसली टूटीं, फेफड़ा फट गया; आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर डिवाइडर से टक्कर ऐसी कि चार फीट में सिमटी फॉर्च्यूनर कार

LHC0088 12 hour(s) ago views 667
  



जागरण संवाददाता, उन्नाव। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी का 3.5 किमी का एरिया सफर के लिए पूरी तरह से असुरक्षित है। यहां बीच में लगे अस्थाई डिवाइडर (आरसीसी क्रास बैरियर) के दोनों ओर न ही चमकदार सफेद पट्टी है और न ही लाइटिंग की कोई व्यवस्था है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

घने कोहरे में रफ्तार पर ब्रेक न लगने से मंगलवार तड़के 3:30 बजे हवाई पट्टी के अस्थाई डिवाइडर से टकराई फार्च्यूनर कार की हालत जिसने भी देखी वह हादसे की भयावहता के बारे में सोचकर कांप उठा।

टक्कर इतनी जोरदार थी कि 15.5 फीट लंबी कार का आगे का दाहिना भाग महज चार फीट का ही बचा। छत फटकर लटक गई। आधा हिस्सा फटते हुए पीछे के गेट तक चला गया। इंजन और बोनट भी बीच से फटकर तहस नहस हो गया।

पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर भी शवों की दुर्दशा देख सहम गए। सबसे गंभीर चोट अशोक अग्रवाल व अवनेश को आई। अशोक का मत्था फटकर नीचे लटक गया। नाक में बड़ा छेद होने के साथ हड्डी टूटी व लिवर फटा।

सिर की भी हड्डी टूटी मिली। वहीं अवनेश का फेफड़ा फटने के साथ सिर गर्दन, सीने पेट में कई गंभीर चोटें मिलीं। डॉक्टर के अनुसार चारों व्यक्तियों के लिवर, पसली व हड्डियां टूटी मिलीं। अधिक खून बहने से मौत की पुष्टि हुई है।
एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी कोहरे में बनती खतरनाक

हवाई पट्टी को छोड़ एक्सप्रेसवे पर सफर में हादसों की रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए हैं। डिवाइडर वाली लेन के पास चमकदार सफेद पट्टी लगाई गई है। कोहरा होने पर वाहन चालक इसी सफेद पट्टी के सहारे आगे बढ़ता है। जगह-जगह लाइटिंग खतरे को मात देती है। कैट आई भी लगी हैं।

वाहन की लाइट पड़ने पर इनके चमकने से चालक को रास्ते का अनुमान लग जाता है। हवाई पट्टी पर इस तरह के कोई इंतजाम नहीं है। यह एरिया पूरा सपाट है। अस्थाई बैरियर भी पतले हैं, जो कोहरे में दिखाई नहीं देते हैं। अस्थायी बैरियर (आरसीसी क्रास बैरियर) के बगल में रिफलेक्टर नहीं लगे हैं।

यह भी पढ़ें- कोहरा बना काल! आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर डिवाइडर से टकरायी फॉर्च्यूनर, चार लोगों की मौत

इसी के साथ हवाई पट्टी पर रोशनी के लिए कही भी लाइट नहीं लगी है। फाइटर प्लेन की लैंडिंग के वक्त सड़क पर की गई सफेद मार्किंग भी मिट गई है। जिससे कोहरे में वाहन चालक लेन से भटक जाते हैं और रात व कोहरे के समय भ्रम की स्थिति बनने से हादसे का शिकार हो जाते हैं।
दहशत के बीच कोहरे में चला रेस्क्यू अभियान

जिस समय हादसा हुआ घना कोहरा था। रेस्क्यू अभियान चलाने के दौरान यूपीडा व पुलिस कर्मियों को इस बात का डर सता रहा था कि कोहरे में पीछे से कोई वाहन आकर टक्कर न मार दे।

इसके लिए 2 किमी दूर दोनों लेन पर पुलिस कर्मी टार्च की रोशनी से वाहनों की रफ्तार कम कराते रहे। इसके अलावा यूपीडा और पुलिस टीम ने सावधानी बरतते हुए फ्लैश लाइट और संकेतक लगाकर रेस्क्यू कार्य पूरा किया।
टायर फटने के बाद 300 मीटर तक घिसटी कार

हादसे से 300 मीटर पहले टायर के निशान देख पुलिस व यूपीडा कर्मियों का अनुमान है कि टायर फटने के बाद कार घिसटते हुए अस्थाई बैरियर तक पहुंची।

आगे चल रहे किसी वाहन से टकराने के बाद वजनी अस्थाई बैरियर से टकराते हुए एक दो बार पलट गई। दो बार पलटने से कार का ढांचा और अधिक क्षतिग्रस्त होता चला गया। टायर की हालत भी 300 मीटर दूर से घिसटने की गवाही दे रहे थे।
अवनेश की मौत पर कानपुर से पहुंचे बहनोई, शव देख कांप गए

अवनेश की मौत की खबर पर सबसे पहले उनके बहनोई कानपुर के घंटाघर निवासी अंकित गुप्ता दोपहर लगभग 12:30 बजे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। साले अवनेश का शव देखते ही वह कांप उठे। बहनाेई ने बताया कि अनवेश का पैतृक घर बांदा जिले के सदर क्षेत्र के ललौली गांव में हैं। पिता रामकुमार गुप्ता शिक्षक हैं।

मौजूदा समय में वह पिता व मां सुमन कानपुर चकेरी के संजीव नगर में रह रहे हैं। अनवेश पटेल नगर दिल्ली में रह रहा है। बड़ी बहन रिचा है।जिसे उसके इकलौते भाई की मौत की जानकारी अभी तक नहीं दी है। जब उसे पता चलेगा तो उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।
कार से यह मिला सामान

दुर्घटनाग्रस्त कार से पुलिस को 52500 रुपये, छह मोबाइल, चार अंगूठी, एक चेन, एक सोने का कड़ा, चार बैंग, कुछ मोमेंटों मिले।चर्चा है कि कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर से मिलने व मोमेंटो भेंट देने के लिए सभी लखनऊ जा रहे थे।
आइआइए के चेयरमैन भी रह चुके अशोक अग्रवाल

हादसे में जान गंवाने वाले अशोक अग्रवाल बड़े नमक कारोबारी के साथ राजनीति से भी जुड़े थे। इसके अलावा गाजियाबाद के मोदीनगर से आइआइ के चेयरमैन भी रह चुके हैं। 10 दिन पहले एक न्यूज चैनल के सीईओ भी बने थे।

उनकी मौत पर जिले के कई आइआइए के पदाधिकारी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। दोपहर करीब एक बजे अशोक का बेटा रजत व भाई सतीश भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। शव की हालत देख सभी की आंखें फटी रह गईं। दो बेटी भी मौत की सूचना पर घर पर बेहाल हैं।
दिवंगत के अंगूठे लगा पुलिस ने खोले मोबाइल के पैटर्न लाक

हादसे के बाद दिवंगत हुए लोगों की पहचान करना पुलिस के मुश्किल हो रहा था। पुलिस ने उनके पास मिले मोबाइल खोलने का प्रयास किया तो सभी में पैटर्न लाक लगा था। पुलिस ने सभी दिवंगत के अंगूठे लगा मोबाइल के पैटर्न लाक खोले और डायलिंग में जो भी नंबर पड़े मिले, सभी को मिलाकर हादसे की उनके परिचितों व स्वजन को जानकारी दी।
दो दिन पहले आपस में टकरा चुके 10 वाहन

दो दिन पहले रविवार सुबह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बेहटामुजावर के शादीपुर गांव के सामने सुबह लगभग छह बजे लोडर पलटने से एक के बाद एक 10 वाहन आपस में टकरा गए थे। हादसे में स्लीपर बस के चालक जितेंद्र व बाइक चालक रामजी निवासी आसीवन की मौत हो गई थी। घने कोहरे के चलते यह हादसा हुआ था।
डेढ़ साल की बच्ची के सिर से उठा पिता का साया

कंप्यूटर इंजीनियर आकाश की मौत से उसकी डेढ़ साल की बेटी बिट्टू के सिर से पिता का साया उठ गया। मां गुड्डी व बड़ा भाई राेहित फूट-फूटकर रो पड़े। पत्नी निशा भी बेहाल है। वहीं अभिनव की मौत पर बड़ा भाई आदित्य व पिता सतीश का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
137460

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.