जागरण संवाददाता, रायबरेली। परिवहन निगम द्वारा यात्रियों को सुरक्षित व किफायती यात्रा उपलब्ध कराने के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग रोडवेज की जगह प्राइवेट वाहनों से यात्रा कर जान को जोखिम में डाल रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
परिवहन निगम के अनुसार रोडवेज बस का टिकट लेते ही यात्री को साढ़े सात लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है, जिससे किसी भी प्रकार का हादसा होने पर उन्हें इसका लाभ भी मिलता है।
डिपो में वर्तमान समय में 174 बस मौजूद हैं। इसमें से दिल्ली,लखनऊ,हरिद्वार,अयोध्या,सुलतानपुर,प्रयागराज समेत अन्य रूटों पर बस प्रतिदिन संचालित की जाती हैं। इससे डिपो से प्रतिदिन लगभग 25 से 28 हजार यात्री यात्रा भी करते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी हजारों यात्रियों की पहली पसंद प्राइवेट वाहन, ई-रिक्शा सहित अन्य वाहनों बने हुए हैं।
प्राइवेट वाहन से यात्रियों की सुरक्षा की कोई भी विशेष जिम्मेदारी नहीं होती हैं। वहीं रोडवेज बस से सुरक्षा के साथ टिकट लेते ही बीमा का भी सुविधा मिलने लगती है। वहीं यात्रियों को सुरक्षित व सुगम यात्रा प्रदान करना परिवहन निगम की पूर्ण जिम्मेदारी होती है। आपात स्थिति में हेल्पलाइन, दुर्घटना के समय तत्काल राहत और शिकायत निवारण प्रणाली भी उपलब्ध है।
रोडवेज डिपो पर मौजूद चालक परिचालक ने बताया कि जानकारी के अभाव में यात्री प्राइवेट वाहनों का चुनाव कर लेते हैं जबकि उनमें न तो सुरक्षा की गारंटी होती है और न ही किसी प्रकार का बीमा कवर। कई वाहन ओवरलोडिंग और अवैध संचालन के कारण दुर्घटना की आशंका भी बढ़ाते हैं।
क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी का कहना है कि घायलों को 25 से 50 हजार व घायल होने के बाद सत् प्रतिशत दिव्यंगता आने पर साड़े सात लाख व मृतक के परिवार को भी साड़े सात लाख रूपये दिया जाता है। जिन्होने बताया कि पहले सत् प्रतशित घायल होने के बाद दिव्यंगता व मृतक के परिवार को पांच लाख दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर साड़े सात लाख रूपये किया गया गया है। |