नया रूम हीटर खरीदने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान। Photo- Gemini AI.
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप नया रूम हीटर खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो सेफ्टी फीचर्स देखना एक जरूरी पैरामीटर है। जहां रूम हीटर बनाने वाली कंपनियां रूम हीटर के लिए कई सेफ्टी फीचर्स देने पर फोकस करती हैं, वहीं कुछ फीचर्स ऐसे हैं जो सरकार चाहती है कि मैन्युफैक्चरर्स अपने हीटर के साथ दें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS), जो भारत में बेचे जाने वाले इलेक्ट्रिकल अप्लायंसेज को सर्टिफाई करता है, ने IS 302-2-30:2007 के तहत सख्त जरूरतें बताई हैं। ताकि, ये पक्का किया जा सके कि हीटर घर में इस्तेमाल के लिए सुरक्षित हैं। ये चेक ISI मार्क के साथ बेचे जाने वाले हर मॉडल के लिए जरूरी हैं और खरीदारों को सलाह दी जाती है कि वे पैकेजिंग या प्रोडक्ट लेबल पर इन फीचर्स को वेरिफाई करें।
BIS गाइडलाइंस रूम हीटर सेफ्टी फीचर्स के बारे में क्या कहती हैं?
BIS गाइडलाइंस के अनुसार, सेफ्टी का सबसे जरूरी इंडिकेटर ISI सर्टिफिकेशन मार्क है, जो ये पक्का करता है कि हीटर कई इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल सेफ्टी टेस्ट से गुजरा है।
इनमें शामिल हैं: अर्थ कंटिन्यूटी, इलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ और लाइव पार्ट्स तक पहुंच से सुरक्षा। ये टेस्ट इलेक्ट्रिक शॉक और अंदरूनी कंपोनेंट फेलियर को रोकने के लिए डिजाइन किए गए हैं। सरकार इस बात पर भी जोर देती है कि हीटर में ऑटोमैटिक कट-ऑफ प्रोटेक्शन होना चाहिए, जो ज्यादा गरम होने या गलती से गिरने पर डिवाइस को बंद कर देता है, जिससे आग लगने का खतरा कम हो जाता है।
सर्टिफिकेशन के दौरान मॉनिटर किया जाने वाला एक और जरूरी सेफ्टी फीचर पावर इनपुट और वाट एक्यूरेसी है। हीटर को वाट कैपेसिटी के हिसाब से ग्रुप किया जाता है, 1000W तक और 1000W से ऊपर। BIS चेतावनी देता है कि कमरे के साइज के लिए गलत वाट कैपेसिटी चुनने से ज्यादा गरम होने की दिक्कत और ज्यादा बिजली की खपत हो सकती है। सर्टिफाइड हीटर में सही अर्थिंग की व्यवस्था, हाई-क्वालिटी इंसुलेशन और ऐसे कंपोनेंट भी होने चाहिए जो शॉर्ट सर्किट को रोकने के लिए क्लीयरेंस और क्रीपेज डिस्टेंस के स्टैंडर्ड को पूरा करते हों।
BIS हीटर के लिए टेस्टिंग के बुनियादी नियमों पर भी जोर देता है
टेस्टिंग के दौरान, BIS लैब हीटर की मैकेनिकल स्ट्रेंथ, एबनॉर्मल ऑपरेशन परफॉर्मेंस, लीकेज करंट और गर्मी और आग के प्रति रेजिस्टेंस का इवैल्यूएशन करती हैं। ये चेक ये पक्का करते हैं कि हीटर लंबे समय तक इस्तेमाल के दौरान भी स्थिर, स्ट्रक्चर के हिसाब से सुरक्षित और सेफ रहे।
स्टेबिलिटी टेस्ट ये सर्टिफाई करते हैं कि हीटर आसानी से नहीं गिरेगा, जबकि आग के प्रति रेजिस्टेंस टेस्ट ये वेरिफाई करते हैं कि बाहरी और अंदरूनी हिस्से बिना खराब हुए या आग पकड़े गर्मी को झेल सकते हैं।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स द्वारा जारी Facebook एडवाइजरी भी ग्राहकों को याद दिलाती हैं कि एक छोटी सी गलती- जैसे कि नॉन-सर्टिफाइड हीटर खरीदना, भी घरों को खतरे में डाल सकती है। खरीदारों से अनुरोध किया जाता है कि वे बिना ब्रांड वाले मॉडल से बचें, इस्तेमाल से पहले कॉर्ड की जांच करें और ये पक्का करें कि हीटर सर्विस और वारंटी के लिए मैन्युफैक्चरर की पूरी जानकारी के साथ आते हैं।
खरीदने से पहले इन सेफ्टी फीचर्स को चेक करके, कंज्यूमर बिजली के खतरों का रिस्क काफी कम कर सकते हैं और पूरी सर्दी सुरक्षित तरीके से घर को गर्म रख सकते हैं।
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