गोरखपुर में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का हुआ जोरदार स्वागत। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। हिंदू समाज का लक्ष्य केवल अपना उत्थान नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मित्र बनना और विश्व को सही दिशा देना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने यह कहते हुए आह्वान किया कि इसके लिए सबसे पहले अपने घर, समाज और आचरण को ठीक करना होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कहा कि जब हम जाति-भेद और छुआछूत छोड़ कर स्वयं खड़े होंगे, तभी दुनिया को संभाल सकेंगे। इसलिए कि जो स्वयं खड़ा नहीं होगा, वह गिरे हुए को उठाने की क्षमता भी नहीं रखेगा। सरकार्यवाह बुधवार को संघ के शताब्दी वर्ष में आयोजित कार्यक्रमों के क्रम में खोराबार के खेल मैदान हिंदू सम्म्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
होसबाले ने कहा कि आज पूरी दुनिया अनैतिकता, अधर्म, अन्याय, युद्ध, जल और पर्यावरण संकट से जूझ रही है। ऐसी स्थिति में हिंदू समाज का दायित्व बनता है कि वह धर्म को आधार बनाकर मानवता के रक्षक के रूप में खड़ा हो।
इतिहास का स्मरण कराते हुए होसबाले ने कहा कि दुनिया के कई देशों ने शक्ति के बल पर शोषण, दमन और गुलामी का रास्ता अपनाया, जबकि भारत ने कभी ऐसा नहीं किया। भारत के राजाओं, संतों, ऋषियों और महापुरुषों ने मानवता, करुणा व समरसता का मार्ग दिखाया। यही कारण है कि आज भारत का कर्तव्य है कि वह विश्व गुरु बने, लेकिन शोषणकारी नहीं बल्कि मार्गदर्शक के रूप में।
विश्व गुरु बनने का अर्थ स्पष्ट करते हुए सरकार्यवाह ने कहा कि इसका अर्थ सत्ता या प्रभुत्व नहीं, बल्कि हिंदू धर्म, हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ मूल्यों को जीवन में उतारना है। यदि हिंदू भाव को भूल गए, तो संकट निश्चित हैं। उन्होंने संघ गीत की पंक्तियां को उद्धृत करते हुए कहा \“\“\“\“हिंदू भाव को जब-जब भूले, आयी विपद महान।\“\“\“\“
उन्होंने चेताया कि जाति, मजहब, भाषा और राजनीति के नाम पर आपसी संघर्ष ही भारत की कमजोरी रही है, जिसका लाभ बाहरी शक्तियों ने उठाया। इससे पहले उन्होंने सुबह सरस्वती विद्यामंदिर, आर्यनगर में गोरक्ष प्रांत और पूर्वी क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें शताब्दी वर्ष पर हो चुके आयोजनों की समीक्षा की। साथ ही आगामी कार्यक्रमों को सफल बनाने का आह्वान किया। सरकार्यवाह ने हिंदू सम्मेलन से पहले गोरखपुर क्लब में प्रमुख जन संगोष्ठी में भी हिस्सा लिया।
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संगठित हिंदू समाज को कोई नहीं तोड़ सकता
सरकार्यवाह ने हिंदू एकता पर जोर देते हुए कि जहां एकता है, वहीं शक्ति है। ऐसे में हिंदू समाज यदि संगठित रहा तो उसे कोई तोड़ नहीं सकता। इसी क्रम में उन्होंने हिंदू सम्मेलन के आयोजन का औचित्य बताया और इसे हिंदू जागरण का महापर्व बताया।
उन्होंने छुआछूत और जातिगत भेदभाव पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि समाज की सेवा करने वाला कोई भी व्यक्ति अछूत नहीं हो सकता। भगवान राम का केवट से प्रेम, शबरी के जूठे बेर, कृष्ण का सुदामा के घर भोजन, यह केवल कथाएं केवल सुनाने के लिए नहीं, बल्कि जीवन में उतारने के लिए हैं। जबतक जाति और छुआछूत की भावना का समूल नाश नहीं होगा, तब तक हिंदू सम्मेलन केवल औपचारिकता रहेंगे। |