माओवादी गणेश ने किया सरेंडर
जागरण संवाददाता, राउरकेला। लगातार अभियान और पुलिस की पहल का असर एक बार फिर दिखाई दिया है। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जमादा थाना क्षेत्र के कोनटोढ्या गांव का निवासी रोया कालुंडी उर्फ गणेश (18) ने बुधवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। वह सरंडा वन क्षेत्र में सक्रिय दक्षिण छोटानागरा डिवीजन का सदस्य था। पुलिस ने उसके पास से एक 9 एमएम कार्बाइन बरामद की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जानकारी के अनुसार, गणेश मात्र 12 वर्ष की उम्र में वर्ष 2022 में रप्पा और गुंगा के बहकावे में आकर माओवादी संगठन से जुड़ गया था। बाद में वह कोल्हान और सरंडा क्षेत्र में मच्छू के नेतृत्व में काम करता रहा। माओवादी गतिविधियों के दौरान वह बांको विस्फोटक लूटकांड, रेलवे ट्रैक ब्लास्ट और बांको आरएफ क्षेत्र में हुए आईईडी विस्फोट में शामिल था।
लूट की योजना बनाकर कर रहे थे कैम्प
पुलिस के अनुसार, गणेश समेत 70-80 माओवादी पिछले दिनों बांको स्टोन क्वारी से विस्फोटक लूट की योजना बनाकर कैम्प किए हुए थे। गणेश उस समय सेंट्री ड्यूटी में था और आस-पास की सूचना माओवादियों को देता था।
लूट के बाद संगठन के निर्देश पर भारी मात्रा में विस्फोटक झारखंड सीमा से सटे जंगलों में छिपाए गए थे। लगातार खतरे और माओवादी विचारधारा से निराश होकर गणेश ने संगठन छोड़ने का निर्णय लिया। बाद में राउरकेला पुलिस अधिकारियों ने उसे आत्मसमर्पण नीति की जानकारी दी, जिसके बाद गणेश ने मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई।
पुनर्वास योजना के तहत 1.65 लाख की वित्तीय सहायता
डीआईजी पश्चिम रेंज ब्रजेश राय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले गणेश को ‘बी’ श्रेणी में रखा गया है। उसे सरकार की पुनर्वास योजना के तहत 1.65 लाख की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसमें से 50,000 नगद तत्काल जरूरतों के लिए और शेष राशि एफडी के रूप में जमा की जाएगी। इसके अलावा उसे 10,000 प्रतिमाह का वजीफा अधिकतम 36 माह तक मिलेगा।
सरकार की नीति के अनुसार, यदि गणेश अविवाहित है तो 25,000 की एकमुश्त विवाह प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। साथ ही उसे निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राशन लाभ भी प्राप्त होंगे। एसपी नितेश वाधवानी ने अन्य माओवादी सदस्यों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। |