प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि आने वाले समय में मध्य प्रदेश लाजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट का हब बनेगा। सड़कों का जाल पूरे प्रदेश में होगा। तीन साल में 36 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह एक्सप्रेस-वे बनेंगे। भारतीय राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने 28 हजार करोड़ रुपये के कामों की स्वीकृति दी है। 15 हजार करोड़ रुपये के काम चल रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्यों के लिए इंजीनियरों का प्रशिक्षित होना आवश्यक है, इसके लिए भोपाल में इंजीनियरिंग रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना होगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर 79,716 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। लोक निर्माण मंत्री सिंह ने विभाग की दो वर्ष की उपलब्धि और आगामी कार्य योजना मीडिया से साझा की।
उन्होंने कहा कि दो वर्षों में विभाग ने कई नवाचार करने के साथ निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर फोकस किया है। आने वाले तीन सालों में 36 हजार करोड़ रुपये की लागत वाले एक्सप्रेस-वे नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस-वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, अटल प्रगति पथ, बुंदेलखंड विकास पथ और मध्य भारत विकास पथ को पूरा किया जाएगा।
28 हजार करोड़ के काम स्वीकृत
एनएचएआई द्वारा 28 हजार करोड़ रुपये के आगरा-ग्वालियर, बैतूल-खंडवा खरगोन जुलवानिया, रीवा सिड़ी, संदलपुर-नसरूल्लागंज बाइपास, ग्वालियर शहर का पश्चिमी फोर लेन बाइपास, सागर बाइपास, उज्जैन-झालावाड़, इंदौर रिंग रोड पश्चिमी-पूर्वी बाइपास और जबलपुर-दमोह मार्ग के काम स्वीकृत हो चुके हैं। 79,716 करोड़ के ग्वालियर-नागपुर कारिडोर, लखनादौन-रायपुर, इंदौर-भोपाल ग्रीनफील्ड, जबलपुर-भोपाल ग्रीनफील्ड, जबलपुर-भोपाल ग्रीनफील्ड, भोपाल-मंदसौर ग्रीनफील्ड और सागर-सतना ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं या फिर निर्माणाधीन हैं।
उधर, सड़क विकास निगम 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से आशापुर-जबलपुर, सिवनी-बालाघाट, सागर-जबलपुर, भोपाल पश्चिमी बायपास, भोपाल पूर्वी बायपास, मेंलुआ जंक्शन-बीना-मालथौन और चोपड़ा-देवरी-देवास मार्ग बनाएगा। इंदौर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण जल्द शुरू होगा। भोपाल-विदिशा और बड़वाह-धामनोट फोर लेने का प्रस्ताव भी तैयार है, जिसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
ग्वालियर, भोपाल, नर्मदापुरम में एलिवेटेडे कारिडोर और पुल के निर्माण का काम चल रहा है। सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर, टिकिटोरिया माता मंदिर सागर में रोप-वे बनाए जा रहे हैं। एन्यूटी माडल पर इंदौर-उज्जैन छह लेन, उज्जैन-जावरा, इंदौर-उज्जैन फोर लेन फोर लेन, नर्मदापुरम-टिमरनी और सागर-दमोह मार्ग परियोजनाओं को लिया गया है।
एक्सप्रेस-वे से जोड़े जाएंगे प्रमुख शहर व पर्यटन स्थल
उन्होंने बताया कि चाहे राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर राजकीय राज्य मार्ग (एक्सप्रेस-वे) हो, सबसे प्रमुख शहरों, पर्यटन और धार्मिक स्थलों से जोड़ा जाएगा। शहरों में यातायात का दबाव कम करने के लिए बाइपास बनाए जा रहे हैं। भविष्य में सभी भवनों को ग्रीन बिल्डिंग के अनुसार बनाने, समय पर काम पूरा हो, इसके लिए साफ्टवेयर का उपयोग, लोक पथ एप का विस्तार सड़क सुविधा के लिए करने का निर्णय लिया है। एप पर अब ब्लैक स्पाट, वैकल्पिक मार्ग, टोल किराया, अस्पताल, थाना सहित अन्य जानकारियां उपलब्ध होंगी। |