deltin33 • 2025-12-19 10:36:49 • views 926
डीडीसीए के सचिव को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस। फाइल फोटो
लोकेश शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के सचिव अशोक शर्मा के कार्यकाल को लेकर नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने डीडीसीए से स्पष्ट रूप से यह बताने को कहा है कि अशोक शर्मा के नौ साल का कार्यकाल पूरा हुआ है या नहीं। यदि उनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, तो इसके पीछे क्या कारण हैं। अदालत ने डीडीसीए को तथ्यात्मक और सच्चाई के आधार पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह नोटिस डीडीसीए के पूर्व सचिव विनोद कुमार तिहारा द्वारा दायर याचिका पर जारी किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि अशोक शर्मा का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो चुका है, इसके बावजूद वह पद पर बने हुए हैं। याचिकाकर्ता का आरोप है कि यह स्थिति सुप्रीम कोर्ट द्वारा लागू लोधा समिति की सिफारिशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें किसी भी पदाधिकारी के कार्यकाल की अधिकतम सीमा तय की गई है।
कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल
याचिका में डीडीसीए की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। आरोप है कि चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की जा रही है और जहां 15 से 18 खिलाड़ियों का चयन होना चाहिए, वहां 24 खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा है। इससे डीडीसीए की मानसिकता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीसीए को 12 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत यह भी स्पष्ट करेगी कि यदि अशोक शर्मा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, तो उन्होंने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया। माना जा रहा है कि इसी दिन सुप्रीम कोर्ट डीडीसीए में अशोक शर्मा के भविष्य को लेकर अहम फैसला भी सुना सकता है।
डीडीसीए लोकपाल ने सचिव व संयुक्त सचिव को जारी किया नोटिस
डीडीसीए में नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर विवाद और गहरा गया है। दिल्ली सेंटिनल्स ग्रुप की ओर से सचिव और संयुक्त सचिव के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत पर डीडीसीए के लोकपाल (ओम्बुड्समैन) ने संज्ञान लेते हुए दोनों पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है। शिकायत चयन समिति की बैठकों में लोकपाल के पूर्व आदेश और डीडीसीए के संविधान (एओए) के प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर की गई थी।
लोकपाल के समक्ष 15 दिसंबर 2025 को हुई सुनवाई में शिकायत को स्वीकार करते हुए सचिव और संयुक्त सचिव को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। इस संबंध में डीडीसीए के अधिवक्ता के माध्यम से भी नोटिस जारी किए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी 2026 को शाम 5 बजे वर्चुअल माध्यम से होगी।
डीडीसीए के संयुक्त सचिव अमित ग्रोवर ने कहा कि उन्हें अभी तक कोई औपचारिक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने दावा किया कि यदि कोई नोटिस आया भी होगा तो वह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा होगा और विपक्ष उनकी छवि धूमिल करने के लिए इस तरह के कदम उठाता रहता है।
वहीं, डीडीसीए के सचिव अशोक शर्मा से फोन और व्हाट्सएप संदेश के जरिए पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। शिकायतकर्ताओं की ओर से डीडीसीए के लाइफ मेंबर सुरेश कुमार वर्मा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए, जिस पर लोकपाल ने सकारात्मक टिप्पणी करते हुए तत्काल नोटिस जारी किए। |
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