क्या आपने चखे हैं लिट्टी-चोखा के अलावा बिहार के ये 9 शाकाहारी व्यंजन? (Image Source: AI-Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार की बात होते ही सबसे पहले जहन में लिट्टी-चोखा की तस्वीर उभरती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिहार की रसोई सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है? बिहार का खानपान अपने आप में एक अनोखा संसार है, जहां सादगी और स्वाद का बेहतरीन मेल देखने को मिलता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यहां के मसालों की खुशबू और बनाने का तरीका इतना खास है कि एक बार चखने वाला बार-बार इसे मांगता है। आइए, आज आपको बिहार की उन 9 शाकाहारी डिशेज के सफर पर ले चलते हैं, जिनका स्वाद आपको अंगुलियां चाटने पर मजबूर कर देगा।
बिहार में इन 9 पकवानों को न करें मिस
दाल पीठा
अगर आप मोमोज के शौकीन हैं, तो आपको दाल पीठा जरूर पसंद आएगा। चावल के आटे के अंदर मसालेदार चने की दाल भरकर इसे भाप में पकाया जाता है। यह सेहतमंद भी है और चाय के साथ या हरी चटनी के साथ खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है।
ठेकुआ
बिहार की पहचान बन चुका ठेकुआ सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक भावना है। गुड़, आटे और सूखे मेवों से बना यह खस्ता बिस्किट जैसा पकवान काफी दिनों तक खराब नहीं होता। इसका सोंधापन आपको गांव की याद दिला देगा।
घुघनी
काले चनों को मसालों के साथ भूनकर बनाई जाने वाली घुघनी बिहार के हर घर की जान है। इसे सुबह के नाश्ते में \“चूड़ा\“ या शाम को कचरी के साथ परोसा जाता है। इसका तीखा और चटपटा स्वाद बहुत जबरदस्त होता है।
कढ़ी-बड़ी
शादी-ब्याह हो या कोई त्योहार, बिहार में कढ़ी-बड़ी का बनना तय है। बेसन की नरम-नरम \“बड़ी\“ जब दही वाली गाढ़ी कढ़ी में डूबती है, तो वह मुंह में जाते ही घुल जाती है। इसे गरमा-गरम चावल के साथ खाना एक अलग ही सुख है।
ओल की सब्जी
जिसे लोग \“जिमीकंद\“ या \“सूरन\“ कहते हैं, उसे बिहार में \“ओल\“ कहा जाता है। सरसों के मसाले और ढेर सारी खटाई (अमचूर या नींबू) के साथ बनी यह सब्जी स्वाद में किसी नॉन-वेज डिश को भी टक्कर दे सकती है। इसका अचार (ओल का बर्रा) भी बहुत मशहूर है।
मालपुआ
बिहार में होली का त्योहार मालपुआ के बिना अधूरा है। मैदा, दूध, केले और चीनी के घोल को घी में तलकर जब चाशनी में डुबोया जाता है, तो जो स्वाद निकलकर आता है, वह किसी जन्नत से कम नहीं है।
सत्तू का शरबत और पराठा
बिहार के लोगों की डाइट में सत्तू की खास जगह होती है। गर्मियों में सत्तू का नमकीन शरबत शरीर को ठंडा रखता है, वहीं सर्दियों में सत्तू के पराठे और बैंगन का भर्ता (चोखा) पेट के साथ-साथ मन भी भर देता है।
परवल की मिठाई
पढ़ने में शायद थोड़ा अजीब लगे, लेकिन परवल की मिठाई बिहार की एक नायाब डिश है। परवल के छिलके उतारकर उसे चाशनी में पकाया जाता है और उसके अंदर खोया और ड्राई फ्रूट्स भरे जाते हैं। यह मिठाई जितनी दिखने में सुंदर है, खाने में उतनी ही रसीली।
तरुआ या बचका
बिहार में खाने की थाली में जब तक कुछ कुरकुरा न हो, तब तक मजा नहीं आता। आलू, बैंगन, लौकी या कद्दू के फूलों को बेसन के घोल में लपेटकर कुरकुरा तला जाता है, जिसे \“तरुआ\“ कहते हैं। यह दाल-चावल के साथ सबसे बेहतरीन साइड डिश है।
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